नई दिल्ली : वास्तु शास्त्र में झाड़ू का विशेष महत्व है। झाड़ू घर से गंदगी को दूर करने यानि साफ सफाई में इस्तेमाल की जाती है। लेकिन झाड़ू धन की देवी मां लक्ष्मी का प्रतीक भी मानी जाती है। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए झाड़ू से संबंधित कुछ नियम। जिनका पालन करके आप मां लक्ष्मी को प्रसन्न रखने के साथ किसी भी तरह के वास्तु दोष का सामना नहीं करना पड़ेगा।
अगर आप नई झाड़ू खरीदना या फिर इस्तेमाल करना चाहते हैं तो वास्तु शास्त्र के अनुसार झाड़ू इस्तेमाल करने के लिए शनिवार के दिन का ही चुनाव करें। शनिवार को नई झाड़ू का उपयोग करना बेहद शुभ माना जाता है। वहीं अगर आप नई झाड़ू खरीदने जा रहे हैं तो कृष्णपक्ष में ही झाड़ू खरीदनी शुभ मानी जाती है। जबकि शुक्लपक्ष में खरीदी गई झाड़ू अशुभता की निशानी मानी जाती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं जिन्हें रसोई से दूर रखना ही अच्छा है | किचन में झाड़ू और पोछे को रखना घर में अन्न की कमी को दर्शाता है क्योंकि झाड़ू और पोछे का संबंध गन्दगी से होती है जिसके चलते किचन में गन्दगी बढ़ती है और किचन में भोजन बनता है और खाया जाता है | इस सबका घर के सदस्यों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है | इसलिए घर में अन्न की आपूर्ति को बनाए रखने के लिए झाड़ू को किचन से दूर ही रखना चाहिए।
आमतौर पर झाड़ू को घर पर किसी भी तरह से रख देते हैं, लेकिन आपको बता दें कि वास्तु में झाड़ू रखने का भी एक नियम है। अपने घर की झाड़ू को धन की तरह ही छिपाकर रखना चाहिए। झाड़ू को खुले में रखना और हर समय सभी की नज़रों में आना शुभ नहीं माना जाता। साथ ही सदैव इस बात का ध्यान रखें कि झाड़ू कभी भी खड़ी करके ना रखें। इससे घर में दरिद्रता का वास हो जाता है। झाड़ू को हमेशा ज़मीन पर लेटा कर रखना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर आपकी झाड़ू टूट गई हैं तो उसे तुरंत ही बदल देना चाहिए। टूटी हुई झाड़ू से घर की सफाई करना कई तरह की परेशानियों को बुलावा देने वाला होता है। झाड़ू को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इसलिए गलती से भी कभी झाड़ू को पैर न लगाएं। यह लक्ष्मी माता का अपमान माना जाता है और इससे घर में कई तरह की आर्थिक परेशानियां भी आ सकती हैं।
झाड़ू में पैर ना मारे
कभी भी झाड़ू को पैर नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि झाड़ू को लक्ष्मी जी का रूप माना जाता है। इसलिए झाड़ू को पैर लगाने से मां लक्ष्मी का अपमान होता है।