मणिपुर: जिरीबाम संदिग्ध उग्रवादियों ने एक पुलिस चौकी और कई घरों में लगाई आग; पुलिस अधीक्षक का तबादला
नई दिल्ली: मणिपुर सरकार ने शनिवार को जिरीबाम जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ए. घनश्याम शर्मा को संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा जिले में दो पुलिस चौकियों पर आगजनी और हमले की खबरों के बाद स्थानांतरित कर दिया। कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, जिरीबाम के पुलिस अधीक्षक को मणिपुर पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज के अतिरिक्त निदेशक के पद पर तैनात किया गया है।
पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय के अतिरिक्त निदेशक के रूप में कार्यरत एम प्रदीप सिंह, जिरीबाम जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यभार संभालेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तबादला आदेश जिरी मुख और चोटो बेकरा पुलिस चौकियों और गोआखाल वन बीट कार्यालय में आज सुबह आग लगाए जाने के कुछ घंटे बाद जारी किया गया। उन्होंने बताया कि संदिग्ध उग्रवादियों ने लमताई खुनौ, दिबोंग खुनौ, नुनखाल और बेगरा गांवों में 70 से अधिक लोगों के घरों को भी आग लगा दी। लोगों ने अपने घरों को खाली कर राहत शिविर में शरण ली है।
अधिकारी ने बताया कि उग्रवादियों के खिलाफ अभियान में सुरक्षाकर्मियों की सहायता के लिए 70 से अधिक कर्मियों की एक टुकड़ी को हवाई मार्ग से इंफाल से जिरीबाम लाया गया। शुक्रवार को, लगभग 239 मेइती लोगों, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे, को जिरीबाम के परिधीय क्षेत्रों से निकाला गया और जिले के मल्टी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आश्रयों में भेजा गया।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा 59 वर्षीय एक व्यक्ति की हत्या किये जाने के बाद जातीय संघर्ष से प्रभावित राज्य के जिरीबाम में बृहस्पतिवार शाम को तनाव फैल गया। उन्होंने बताया कि सोइबाम सरतकुमार सिंह नामक व्यक्ति 6 जून को अपने खेत में गया था और उसके बाद लापता हो गया था। उन्होंने बताया कि बाद में उसका शव मिला, जिस पर किसी धारदार वस्तु से घाव के निशान थे। सिंह का शव बरामद होने के बाद स्थानीय लोगों ने कुछ खाली पड़े ढांचों में आग लगा दी थी, जिसके बाद वहां निषेधाज्ञा लागू कर दी गई थी। स्थानीय लोगों ने जिरीबाम पुलिस थाने के सामने विरोध प्रदर्शन भी किया और मांग की कि चुनाव के मद्देनजर उनसे लिये गए उनके लाइसेंसी हथियार चुनाव समाप्त होने के बाद उन्हें लौटा दिए जाएं।
जिरीबाम में मेइती, मुस्लिम, नगा, कुकी और गैर-मणिपुरी लोगों की विविधतापूर्ण जातीय संरचना है। पिछले साल मई से मणिपुर में जातीय संघर्ष से यह इलाका अप्रभावित रहा है। इंफाल घाटी में रहने वाले मेइती और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी के बीच जातीय संघर्ष में 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।