पीएम मोदी के शपथ ग्रहण में शामिल होने दिल्ली आए मुइज्जू को मिला पूर्व राष्ट्रपति नशीद का समर्थन
माले: भारत के साथ रिश्तों को फिर से सुधारने की कोशिश कर पर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को अपने सबसे कड़े विरोधी का समर्थन मिला है। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने कहा कि उनकी पार्टी ‘डेमोक्रेट्स’ भारत के संबंधों की वर्तमान संभावनाओं के आधार पर मुइज्जू का समर्थन करती है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू 9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए नई दिल्ली पहुंचे थे। मालदीव का राष्ट्रपति बनने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा थी। मुइज्जू के मालदीव का राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों देशों के रिश्तों तनावपूर्ण चल रहे हैं, लेकिन उनकी भारत यात्रा के बाद संबंधों में एक नई गर्माहट की उम्मीद की जा रही है।
मालदीव के मीडिया पोर्टल सन ने बताया कि नशीद ने इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक चुनाव में मालदीव की विदेश नीति को पूरी तरह से बदल देना मालदीव के लोगों के लिए बहुत बड़ा नुकसान होगा। उनकी टिप्पणी ऐसे समय आई है जब मालदीव की मुइज्जू सरकार भारत के साथ संबंधों को सुधारने का प्रयास कर रही है। सितम्बर के राष्ट्रपति चुनाव के पहले दौर में पार्टी के उम्मीदवार इलियास लबीब की हार के बाद नशीद की पार्टी डेमोक्रेट्स ने दूसरे दौर में किसी भी उम्मीदवार का समर्थन नहीं किया था।
नशीद ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में मोहम्मद मुइज्जू के भाग लेने का स्वागत किया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और प्रधानमंत्री मोदी को उनके धैर्य और दूरदर्शिता के लिए बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने इस कदम को भारत के प्रति मालदीव की विदेश नीति में सुधार की संभावना वाला बताया।
मोहम्मद नशीद ने शपथ ग्रहण समारोह में मुइज्जू की मौजूदगी पर कहा कि सभी मालदीववासी इस बात से बहुत खुश हैं कि मालदीव के राष्ट्रपति इस ऐतिहासिक घटना को देखने के लिए वहां मौजूद थे। नशीद ने विपक्ष में रहते हुए मोहम्मद मुइज्जू के इंडिया आउट अभियान की कड़ी आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि इस अभियान का उद्देश्य मालदीव के लोगों में भारत के प्रति नफरत फैलाना था। 2008 से 2012 के बीच मालदीव के राष्ट्रपति रहे नशीद ने अपने प्रशासन के दौरान भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखे थे।