दस्तक टाइम्स एजेंसी/नई दिल्ली-
सुप्रीम कोर्ट ने कॉलड्रॉप समस्या पर फैसला 10 मार्च तक सुरक्षित कर लिया है। टेलीकॉम कंपनियों ने ट्राई के फैसले के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी।सुप्री कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले पर जल्द से जल्द फैसला करना जरुरी है जिससे यह कंफ्यूजन की स्थिति खत्म हो।
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि देश में 500 मिलियन मोबाइल यबजर हैं और ऐसे में कंपनियों को हर दिन 50 करोड़ रुपए का हर्जाना देना होगा। साल भर में यह आकड़ा 54, 000 करोड़ का बनता है।
आप को बता दें कि 16 अक्टूबर 2015 को ट्राई ने निर्देश जारी किए थे कि कॉल ड्रॉप की स्थिति में टेलीकॉम कंपनी ग्राहक को एक कॉल ड्रॉप के लिए एक रुपया देगी और दिन भर में तीन कॉल ड्राप्स का हर्जाना कंपनी को देना होगा।
वही कंपनी का कहना है कि ऐसा करने से कंपनी पर हर साल 54,000 करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढ़ जाएगा।