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पानी-दवा नि:शुल्क करके भी सरकार मुनाफे में: केजरी

phpThumb_generated_thumbnail (26)दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने श्रोताओं के सवालों के बेबाकी से जवाब दिए। एक श्रोता ने पूछा कि फ्री चीजें देने की राजनीति क्यों, तो बोले-मैं बनिया हूं, घाटे में कभी नहीं जाता। दिल्ली को भारी प्रोफिट में ले आए हैं। हम 42 हजार करोड़ के बजट में से मात्र 2 हजार करोड़ की सब्सिडी दे रहे हैं। यह पैसा भी बेहतर प्रबंधन के कारण है। सामाजिक क्षेत्र में निवेश की जरूरत है, यह सब्ििसडी नहीं है। जनता को नि:शुल्क दवा देना, नि:शुल्क जांच करना निवेश ही है।

केजरीवाल ने कहा, लोग मुफ्त पानी को लेकर सवाल उठाते हैं। मेरा मानना है कि यह सरकार की जिम्मेदारी है। हर घर को जीवन बचाने के लिए जितना पानी जरूरी है, वह सरकार को उपलब्ध कराना चाहिए। इसीलिए 20 हजार लीटर पानी नि:शुल्क दे रहे हैं। सवाल उठा कि जल बोर्ड यह खर्च सहन नहीं कर पाएगा लेकिन हुआ इसका उलटा।

पानी की बचत हुई और भ्रष्टाचार पर लगाम के चलते 176 करोड़ की अतिरिक्त आय भी हुई। बीस हजार लीटर से ज्यादा खर्च करने पर पूरा पैसा वसूला जाएगा। इससे पानी की बचत हुई। तीन मिलियन गैलन पानी की प्रतिदिन बचत होती है। दिल्ली में 2017 में दिसम्बर तक हर घर में नल से पानी आएगा, अब यही लक्ष्य है। बीस झुग्गी क्लस्टर में मकान बनाकर सौंपने का पायलट प्रोजक्ट है। यह सफल होने पर कमियां दूर कर शहर को स्लम फ्री कर सबको पक्के मकान देंगे।

चुनाव घोषणा पत्र हमारे लिए पवित्र

केजरीवाल ने कहा, चुनाव घोषणा पत्र के 70 में से 20 बड़े वादे पूरे कर दिए हैं। ये कोई जुमला घोषणा पत्र नहीं, हमारे लिए गीता और बाइबल की तरह पवित्र है। अपने मोबाइल पर घोषणा पत्र रखता हंू, रोजाना सुबह उसे पढ़ता हंू। उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड भ्रष्टाचार, पुल निर्माण में बचत, बिजली कंपनियों पर नकेल, नि:शुल्क दवा जांच, मोहल्ला क्लिनिक, पॉली क्लिनिक, 2 हजार करोड़ की सब्सिडी जैसे विषयों पर अपनी सरकार के कदमों की जानकारी दी। दिल्ली में ऑड ईवन फॉर्मूले में जनता की भागीदारी की तारीफ भी की।

आम आदमी ही नजर आए केजरीवाल

ना कोई वीवीआईपी सा रुबाब, ना ही कोई नखरे। एक निपट आम आदमी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की शुक्रवार यहां यही छवि नजर आई। पैरों में सैंडिल और सामान्य पेंट-शर्ट पहने केजरीवाल जब एयर इंडिया के विमान से जयपुर एयरपोर्ट पर उतरे तो उन्हें देखकर कोई कह नहीं सकता था कि यह मुख्यमंत्री हैं। क्योंकि केजरीवाल ने खुद को उस वीवीआईपी संस्कृति से एकदम दूर रखा।  राजस्थान पत्रिका के की-नोट कार्यक्रम में शामिल होने आए केजरीवाल ने एयरपोर्ट से समारोह स्थल तक पहुंचने के लिए लालबत्ती की कार और अन्य सरकारी सुविधा का उपयोग करने से साफ इनकार कर दिया। हालांकि राज्य सरकार ने केजरीवाल के लिए प्रोटोकॉल के तहत इंतजाम किए थे लेकिन उन्होने सुविधाएं नहीं ली।

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