भारत में विदेशी एयरलाइंस की संख्या में हो सकती है बढ़ोतरी, मामला केंद्र के पास विचाराधीन
नई दिल्ली: भारत सरकार द्विपक्षीय उड़ान अधिकारों के तहत और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की अनुमति पर विचार कर रही है। यदि भारत इन अधिकारों के तहत ज्यादा संख्या में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की अनुमति देता है तो देश में विदेशी एयरलाइंस की संख्या में बढ़ौतरी हो सकती है। भारत के 116 देशों के साथ इस तरह के द्विपक्षीय उड़ान समझौते हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करता है, तो भारतीय एयरलाइन्स को भारत से ऑस्ट्रेलिया के लिए एक निश्चित संख्या में उड़ानों की अनुमति दी जाएगी और ऑस्ट्रेलियाई एयरलाइन्स भारत के लिए भी उतनी ही संख्या में उड़ानें शुरू कर सकती हैं। हालांकि 2014 में कार्यभार संभालने के बाद से नरेंद्र मोदी सरकार ने यह माना है कि विदेशी एयरलाइंस ने द्विपक्षीय विदेशी उड़ान अधिकारों में अनुचित लाभ प्राप्त किया है और भारत से अपने ट्रैफ़िक का स्रोत बनाकर विमानन केंद्र बनाए हैं।
द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने की वकालत
भारत में अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात खंड भारतीय एयरलाइन्स एयर इंडिया, इंडिगो और अकासा द्वारा लगभग 11 महीनों में 1,600 से अधिक विमानों के ऑर्डर दिए जाने के साथ सुर्खियों में आ गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इस मुद्दे पर एयरलाइन्स के अलग-अलग रुख हैं। पिछले हफ्ते सी.ए.पी.ए. इंडिया एविएशन समिट के दौरान अकासा एयर के संस्थापक और विनय दुबे ने कहा है कि अगर हम अगले 10 सालों तक दुबई को नहीं खोलते हैं, तो मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि दुबई के लिए हवाई किराए बहुत ज्यादा स्तर तक पहुंच सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए याचिका दायर करना जारी रखेंगे।
एयर इंडिया ने भी रक्षा अपना पक्ष
हालांकि, 13 फीसदी से अधिक बाजार हिस्सेदारी के साथ विदेशी यातायात की सबसे बड़ी पूर्ण-सेवा वाहक एयर इंडिया ने दोहराया है कि विदेशी वाहकों को द्विपक्षीय अधिकार देने से भारतीय वाहकों की लंबी दूरी की कनेक्टिविटी में विकास योजनाओं और भारत में वैश्विक विमानन केंद्र स्थापित करने की महत्वाकांक्षा पर असर पड़ेगा। एयर इंडिया के सी.ई.ओ. और प्रबंध निदेशक कैंपबेल विल्सन का कहना है कि हम नए विमानों पर निवेश करने के लिए तैयार है, लेकिन हामरी सुविधाओं को समाप्त कर दिया जाता है तो हम नए विमान क्यों लेंगे।
उड़ानों में बढौतर चाहता है सउदिया समूह
सउदिया समूह के कार्यकारी उपाध्यक्ष, रणनीति संजीव कपूर ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि हमने प्रति सप्ताह सीटों की संख्या के मामले में द्विपक्षीय संबंधों को समाप्त नहीं किया है, लेकिन हम स्टेशनों की संख्या के मामले में सीमा को छू चुके हैं। दोनों देशों के बीच संबंध अच्छे हैं। हमें उम्मीद है कि गंतव्यों और सीटों की संख्या के मामले में द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार किया जाएगा। सऊदी अरब और भारत के बीच द्विपक्षीय हवाई सेवा समझौता नामित एयरलाइनों को प्रति सप्ताह 75 उड़ानों को प्रत्येक दिशा में कुल 20,000 सीटों का संचालन करने की अनुमति देता है।
दुबई के बीच द्विपक्षीय अधिकारों में वृद्धि की मांग
हालांकि भारत में इसके केवल आठ स्टेशन हैं। इनमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, लखनऊ, हैदराबाद, चेन्नई, कालीकट और कोच्चि और सऊदी अरब में तीन स्टेशन जेद्दा, रियाद और दम्मम शामिल हैं। । कपूर ने कहा कि हम कोलकाता, अहमदाबाद जैसे और स्थानों पर विस्तार करना चाहेंगे। इसी तरह भारत से आने-जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय यातायात में लगभग 10% हिस्सेदारी वाली सबसे बड़ी विदेशी वाहक अमीरात भी भारत और दुबई के बीच द्विपक्षीय हवाई यात्रा अधिकारों में वृद्धि की मांग कर रही है। एमिरेट्स के अध्यक्ष टिम क्लार्क का कहना है कि हमारे पास 2015 से प्रत्येक दिशा में 65,000 सीटें हैं। यहां भारतीय समुदाय बहुत बड़ा है और यूएई में यह बढ़ रहा है।