रूस में हुए आतंकी हमलों का दर्द महसूस करता है भारत, द्विपक्षीया वार्ता में पुतिन से बोले PM मोदी
मॉस्को : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच द्विपक्षीया वार्ता शुरू हो चुकी है। वार्ता के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत रूस में हुए आतंकी हमलों का दर्द महसूस कर सकता है। आने वाले दिनों में भारत और रूस के रिश्ते और अधिक मजबूत होंगे। पीएम मोदी ने कहा कि रूस के सहयोग से भारत को सस्ता तेल मिल रहा है। “महामहिम और मेरे दोस्त, मैं इस भव्य स्वागत और सम्मान के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं। भारत में चुनावों में हमें अभूतपूर्व जीत मिली। उसके बाद आपने जो शुभकामनाएं दीं, उसके लिए भी मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं। मार्च में आपने भी शानदार प्रदर्शन किया था। चुनाव में जीत के लिए मैं एक बार फिर आपको शुभकामनाएं देता हूं।”
भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा, “पिछले 40-50 साल से भारत आतंकवाद का सामना कर रहा है। आतंकवाद कितना भयानक होता है वह हम पिछले 40 वर्षों से सामना कर रहे हैं। इसलिए, जब मास्को में आतंकवादी घटनाएं हुईं, जब दागिस्तान में आतंकवादी घटनाएं हुईं, उसका दर्द कितना गहरा होगा इसकी मैं कल्पना कर सकता हूं। मैं सभी प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा करता हूं।”
पीएम मोदी ने कहा,” पिछले 2.5 दशकों से मेरा रूस के साथ-साथ आपके के साथ भी संबंध रहा है। करीब 10 साल में हम 17 बार मिल चुके हैं। पिछले 25 वर्षों में हमारी लगभग 22 द्विपक्षीय बैठकें हुई हैं। यह हमारे संबंधों की गहराई को दर्शाता है।”
पीएम मोदी ने मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक में कहा कि जब दुनिया ईंधन की चुनौती का सामना कर रही थी, तब आपके सहयोग से हमें आम आदमी की पेट्रोल और डीजल की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिली। इतना ही नहीं, दुनिया को यह स्वीकार करना चाहिए कि ईंधन को लेकर भारत-रूस समझौते ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिरता लाने में बड़ी भूमिका निभाई है।
प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति पुतिन के साथ 22वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर बैठक के लिए सोमवार को रूस की दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे हैं। पुतिन ने सोमवार रात मॉस्को के बाहरी इलाके में स्थित अपने सरकारी आवास ‘नोवो-ओगरियोवो’ पर मोदी के लिए एक निजी रात्रि भोज का आयोजन किया था। मॉस्को पहुंचने के कुछ देर बाद मोदी ने कहा था कि वह भविष्य के क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को गहरा करने के लिए उत्सुक हैं और भारत-रूस के बीच मजबूत रिश्तों से “हमारे लोगों को बहुत फायदा होगा।”