पंजाब सरकार ने आतंकी हमले के दौरान और बाद में बलों की तैनाती पर आए खर्च का भुगतान करने से केंद्र को किया इनकार
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दस्तक टाइम्स एजेंसी/पठानकोट/नई दिल्ली : केंद्र सरकार की ओर से बीते दिनों पठानकोट वायुसेना बेस पर आतंकी हमले के दौरान और बाद में अर्धसैनिक बलों की तैनाती पर आए 6.35 करोड़ रुपये के खर्च का भुगतान करने संबंधी बिल राज्य सरकार को भेजा है। जिस पर पंजाब सरकार ने आतंकी हमले के दौरान और बाद में बलों की तैनाती पर आए खर्च का भुगतान करने से केंद्र को इनकार कर दिया है। केंद्र को भेजे गए पत्र में पंजाब सरकार ने कहा है कि इन इकाइयों की तैनाती ‘राष्ट्रीय हित’ में थी और ‘उन पर आए खर्च का बोझ राज्य सरकार पर नहीं डालना चाहिए।’ गौरतलब है कि पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और भाजपा की गठबंधन सरकार है।
गृह मंत्रालय ने दो से 27 जनवरी के बीच क्षेत्र में वायु सेना बेस पर आतंकी हमले के दौरान और बाद में पठानकोट और नजदीकी इलाकों में अर्धसैनिक बलों की तैनाती के लिए राज्य सरकार को उसका बिल भेजा था। राज्य सरकार ने एक जबाव में बताया कि हमला संभवत: पाकिस्तान से किया गया था और इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा था। इस बीच, कांग्रेस ने राज्य सरकार को इस खर्च का भुगतान करने के लिए कहे जाने को गलत बताते हुए कहा कि राज्य में उग्रवाद से जुड़ी घटनाओं को रोकने पर होने वाले खर्च की अदायगी से राज्य सरकार को मुक्त करने का कोई रास्ता खोजा जाना चाहिए। पार्टी के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर कहा है कि आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए पंजाब को बिल भेजा जाना हास्यास्पद है।
दूसरी ओर, कांग्रेस ने केंद्र को आड़े हाथ लेते हुए उसके उस कदम को ‘हास्यास्पद ’ करार दिया जिसके तहत नरेंद्र मोदी सरकार ने पठानकोट आतंकवादी हमले के दौरान पंजाब में अर्धसैनिक बलों की तैनाती पर आया खर्च राज्य सरकार से वहन करने को कहा है। पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने ट्वीट किया, आतंकवाद निरोधक अभियानों के लिए पंजाब को खर्च वहन करने के लिए कहना मजाक है। आतंकवाद से जुड़े पंजाब के सभी बकाये माफ करने की जरूरत है । पंजाब का कसूर यह है कि पाकिस्तान उसका पड़ोसी है। पंजाब ने जनवरी में पठानकोट आतंकवादी हमले के दौरान अर्धसैनिक बलों की तैनाती के लिए केंद्र की ओर से भेजा गया 6.35 करोड़ रुपये का बिल अदा करने से इनकार कर दिया है।