हनुमानगढ़ : भगवत प्रसाद मकवाना ने कहा कि सफाईकर्मियों को आवश्यक प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध कराए जाएं । सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार की सेंट्रल मॉनिटरिंग कमेटी के सदस्य व पूर्व मंत्री उत्तराखंड भगवत प्रसाद मकवाना सोमवार को हनुमानगढ़ में रहे। उन्होंने कलेक्ट्रेट सभागार में उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की।
मकवाना ने कहा कि सफाईकर्मी राष्ट्र और समाज के लिए समर्पित लोग होते हैं, उनकी गरिमा और सम्मान बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए । सफाई कर्मियों के साथ संवेदनशील रवैया अपनाते हुए उनके सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करें । उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाते हुए स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करें। सुनिश्चित करें कि उन्हें न्यूनतम मजदूरी दर के अनुसार समय पर नियमानुसार कटौती से वेतन मिले। साथ ही, उनके हितों की रक्षा के लिए पुलिस प्रशासन पूरी सजगता और सतर्कता से कार्य करें।
मकवाना ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति एवम अधिकारियों को एम.एस. एक्ट 2013 पढ़ना चाहिए, साथ ही माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुपालना सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने एक्ट अनुसार सफाईकर्मियों के सर्वेक्षण, कौशल प्रशिक्षण एवं पुनर्वास के बारे में भी दिशा-निर्देश दिए गए। मकवाना ने बताया कि सीवर और सेप्टिक टैंक में सफाई कार्य करते हुए मृत्यु होने के संबंध में सफाई कर्मचारियों के आश्रितों को 30 लाख रुपए और अपंग होने की स्थिति में 20 लाख रुपए की सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान है। इसलिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग जिला स्तरीय शिविर लगाकर उन्हें जागरूक करें।
मकवाना ने कहा कि सफाईकर्मियों को सफाई से संबंधित आवश्यक प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध कराए जाएं, ताकि दुर्घटना से बचा जा सके। उनका बीमा भी कराया जाए। उन्होंने कहा कि बैंक सफाईकर्मियों को प्राथमिकता से ऋण उपलब्ध कराएं, ताकि वे मुख्यधारा में जुड़ सके। जिला प्रशासन सुनिश्चित करें कि श्रम कानून का लाभ मिलें। नगर परिषद वाल्मीकि बस्तियों में प्राथमिकता से शौचालय, सामुदायिक भवन और अन्य सुविधाओं का विकास कराएं। नियमित फोगिंग कराए। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग 6 माह में एक बार शिविर लगाकर स्वास्थ्य जांच कराए।
बैठक में जनप्रतिनिधि देवेंद्र पारीक, अतिरिक्त जिला कलेक्टर उम्मेदी लाल मीना, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्यारे लाल मीणा, नगर परिषद आयुक्त सुरेंद्र सिंह यादव, सीएमएचओ डॉ नवनीत शर्मा सहित वाल्मीकि समाज के प्रतिनिधि और सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।