उत्तराखंड

गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर भूस्खलन, तीन श्रद्धालुओं की मौत; कईयों के दबे होने की आशंका

नई दिल्ली: मॉनसून के आगमन के साथ ही उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में जीवन कठिन हो जाता है। रविवार सुबह गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर एक बड़ा हादसा हुआ। चीड़वासा में अचानक पहाड़ी से मलबा गिरने लगा, जिससे तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि मलबे में अभी भी कई तीर्थयात्री फंसे हो सकते हैं। एनडीआरएफ समेत कई एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं और राहत एवं बचाव कार्य जारी है।

आपदा प्रबंधन अधिकारी का बयान
रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि हादसा सुबह करीब साढ़े सात बजे गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर चीरबासा के पास हुआ, जहां पहाड़ी से मलबा और भारी पत्थर नीचे गिरने लगे। रजवार के अनुसार, घटना की सूचना मिलते ही राहत एवं बचाव दल मौके पर पहुंचे और बचाव अभियान शुरू किया। उन्होंने बताया कि मलबे से अब तक तीन लोगों के‌ शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि एक व्यक्ति को घायल अवस्था में बाहर निकाला गया है।

भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने उत्तराखंड के कई इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। देहरादून स्थित मौसम विभाग कार्यालय ने आगामी दिनों में कुमाऊं, गढ़वाल और देहरादून सहित कई मैदानी इलाकों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना जताई है। कुमाऊं के अधिकांश जिलों में अगले 24 से 48 घंटे तक भारी से अति भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि गढ़वाल के अधिकांश जिलों और राजधानी देहरादून व मैदानी इलाकों में भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। आईएमडी के मुताबिक, उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों पर गरज और चमक के साथ भारी बारिश हो सकती है।

बीते साल भी हुआ था हादसा
पिछले साल भी गौरीकुंड में भूस्खलन हुआ था, जिससे तीन दुकानें टूट गई थीं। इन दुकानों में मौजूद लोगों की मौत हो गई थी और कई लापता हो गए थे। करीब 12 लोगों के शव मंदाकिनी नदी से बरामद हुए थे और इतने ही लोग लापता हो गए थे।

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