शिमला से राष्ट्रपति निवास तक का मुफ्त सफर, 15 किलोमीटर की दूरी का किराया शून्य
शिमला : ऐतिहासिक इमारत का शहर है. यहां ब्रिटिश शासनकाल के दौरान बनी हर इमारत खुद में कहानी समेटे खड़ी हुई है। साल 1850 में बनी यहां एक ऐसी ही इमारत है, जिसका निर्माण कोटी के राजा ने करवाया था। साल 2023 में अप्रैल के महीने में आम जनता के दीदार के लिए भी राष्ट्रपति निवास को खोला गया था। 25 जुलाई को देश की मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दो साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी हैं।
इस मौके पर राष्ट्रपति निवास की ओर से एक विशेष सुविधा दी जा रही है। यहां घूमने के इच्छुक पर्यटकों और लोगों को मुफ्त बस सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। यह बस शिमला की लिफ्ट के पार्किंग के नजदीक से छराबड़ा तक चलाई जा रही है। एचआरटीसी की इस बस में आवाजाही पूरी तरह मुफ्त है।
राष्ट्रपति निवास घूमने के इच्छुक लोग इस सुविधा का फायदा उठा सकते हैं। फिलहाल, शुक्रवार शनिवार और रविवार को यह फ्री बस सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। साल 1860 में कोटि के राजा ने इस ऐतिहासिक इमारत का निर्माण करवाया था। उस वक्त सिर्फ यहां एक ही मंजिल थी। साल 1860 में एम.सी. कमिश्नर लॉर्ड विलियम ने कोटि के राजा से इस इमारत को लीज पर लिया। उस वक्त उन्होंने इस भवन को लीज पर लेने के लिए 2 हजार 825 रुपए की भारी-भरकम राशि चुकाई थी।
साल 1890 में चल कर इस इमारत में दो मंजिल बनवाई गई। यह ऐतिहासिक इमारत 10 हजार 628 वर्ग फीट में फैली है। आजादी से पहले इस ऐतिहासिक इमारत में वायसराय रहा करते थे। वे ऑब्जर्वेटरी हिल पर बने वायसराय लॉज की इमारत से वीकेंड पर यहां आया करते थे। वायसराय लॉज की इस इमारत को आज इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडी के नाम से जाना जाता है, जो साल 1888 में बनकर तैयार हुई थी।