देश में आर्म्स एक्ट के मामलों में 14% बढ़ोतरी, अवैध हथियारों की बरामदगी में कमी
नई दिल्ली: देश में आर्म्स एक्ट के मामलों में इस साल के पहले चार महीनों में 14% की बढ़ोतरी देखने को मिली है। पिछले साल अप्रैल तक 1,143 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि इस साल इसी अवधि में 1,314 मामले दर्ज किए गए हैं। इसी दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या भी बढ़ी है—पिछले साल 1,300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जबकि इस साल 1,505 लोगों को पकड़ा गया है।
आंकड़ों का विश्लेषण
इस साल आग्नेयास्त्रों की बरामदगी में कमी आई है। 2023 में 614 आग्नेयास्त्र बरामद किए गए थे, जबकि इस साल इनकी संख्या घटकर 548 हो गई है। हालांकि, गोला-बारूद की बरामदगी में वृद्धि हुई है। इस साल कुल 1,369 गोला-बारूद की वस्तुएं जब्त की गई हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या 1,313 थी। जघन्य अपराधों में आग्नेयास्त्रों के उपयोग में भी कमी आई है—इस साल आग्नेयास्त्रों का उपयोग 125 मामलों में हुआ है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 158 था। धारदार हथियारों की बरामदगी भी बढ़ी है; 2023 में 850 धारदार हथियार बरामद किए गए थे, जबकि इस साल यह संख्या बढ़कर 949 हो गई है।
सोशल मीडिया पर हथियारों की खरीद-फरोख्त
कानून प्रवर्तन अधिकारियों के अनुसार, संगठित बंदूक-तस्करी गतिविधियों में इस साल कमी देखी गई है। अधिकांश जब्त किए गए आग्नेयास्त्र स्नैचिंग, डकैती या नियमित गश्त के दौरान एकल हथियार के रूप में पाए गए हैं। अधिकारी बताते हैं कि बंदूक तस्कर अब सोशल मीडिया ऐप्स के माध्यम से एक-दूसरे से संपर्क कर रहे हैं और पुलिस से बचने के लिए विभिन्न परिवहन के तरीकों का उपयोग कर रहे हैं। बिहार से अवैध आग्नेयास्त्रों की आमद में कमी आई है, क्योंकि अब बंदूक तस्कर हथियारों की तस्करी मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्रों से कर रहे हैं।
गैंगस्टरों की पसंद और धारदार हथियार
गैंगस्टर ज्यादातर विदेशी पिस्तौल पसंद करते हैं, जिनकी कीमत आमतौर पर 2 लाख रुपये से अधिक होती है। वहीं, स्थानीय अपराधी आमतौर पर मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश में बने हथियारों का उपयोग करते हैं, जिनकी कीमत 35,000 से 45,000 रुपये के बीच होती है। धारदार हथियार जैसे चाकू और अन्य हथियार आसानी से बाजार या ऑनलाइन मिल जाते हैं, और इनकी खरीद की निगरानी करना कठिन है। हालांकि, पुलिस ने गश्त और पिकेट चेक के दौरान धारदार हथियार ले जाते हुए लोगों को पकड़ा है।