उत्तराखंड

केदारनाथ बचाव अभियान लगभग पूरा, अगले 7 दिनों में पैदल यात्रा मार्ग को बहाल करने का प्रयास

रुद्रप्रयागः बहुत अधिक बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुए केदारनाथ यात्रा मार्ग पर बचाव अभियान के पांचवें दिन सोमवार को 1400 से अधिक फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया जबकि उत्तराखंड सरकार ने रास्ते को ठीक कर केदारनाथ पैदल यात्रा को सात दिन में दोबारा शुरू करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। अधिकारियों ने यहां बताया कि केदारनाथ-गौरीकुंड मार्ग पर मलबे से एक शव भी बरामद हुआ, जिसके साथ ही 31 जुलाई से शुरू किए गए बचाव अभियान के दौरान मिले शवों की संख्या तीन हो गई।

प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने यहां बताया कि अब केवल केदारनाथ धाम में 50 यात्री स्वेच्छा से रुके हुए हैं और गौरीकुंड और लिंचोली में कोई यात्री नहीं है। उन्होंने बताया कि सुबह से केदारघाटी में मौसम साफ होने पर हवाई बचाव अभियान में तेजी आई और भारतीय वायुसेना के चिनूक, एमआई-17 तथा छोटे हेलीकॉप्टरों की मदद से केदारनाथ मार्ग से 645 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। सुमन ने बताया कि पिछले दिनों केदारनाथ तथा आसपास के क्षेत्रों में घने बादलों के कारण हवाई अभियान के संचालन में व्यवधान आ रहा था, जिसके कारण चिनूक एक भी उड़ान नहीं भर पाया जबकि एमआई17 हेलीकॉप्टर केवल तीन उड़ानें ही भर पाया। उन्होंने बताया कि इस दौरान पांच छोटे हेलीकॉप्टरों से हवाई अभियान चलाया गया।

अधिकारी ने बताया कि सोमवार सुबह 756 अन्य लोगों को राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और अन्य बचाव दलों की देखरेख में पैदल रास्तों से बाहर निकाला गया और इस प्रकार सोमवार को कुल 1401 यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। सुमन ने बताया कि अभी तक कुल 11,775 लोगों को केदारनाथ यात्रा मार्ग से बाहर निकाला जा चुका है। उन्होंने बताया कि इन जगहों पर अब केवल तीर्थ पुरोहित, दुकानदार, घोड़ा तथा पालकी संचालक रह रहे हैं और अगर वे आना चाहेंगे तो उन्हें भी वहां से बाहर निकाला जाएगा। तलाशी और बचाव अभियान में सेना के दो खोजी कुत्तों की मदद भी ली जा रही है। अधिकारी ने बताया कि खोज अभियान के दौरान गौरीकुंड और केदारनाथ मार्ग के बीच मलबे में एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ, जिसकी पहचान हरियाणा के जगाधारी के रहने वाले गौतम के रूप में हुई। बचाव अभियान के दौरान अब तक तीन शव बरामद हो चुके हैं।

अधिकारियों ने बताया कि सोनप्रयाग, शेरसी, चौमासी, चारधाम हेलीपैड, केदारनाथ हेलीपैड पर लोगों के लिए खाने, पानी और ठहरने की व्यवस्था की गई है। बुधवार रात अतिवृष्टि और बादल फटने के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग पर लिंचोली, भीमबली, घोड़ापड़ाव और रामबाड़ा सहित कई स्थानों पर मार्ग बह गया था और अन्य जगहों पर पहाड़ी से भूस्खलन और बड़े-बड़े पत्थर आने से मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे जगह-जगह पर श्रद्धालु फंस गए थे। बचाव अभियान के लगभग पूरा होने के बाद विभिन्न विभागों के सचिवों को बारिश से क्षतिग्रस्त केदारनाथ मार्ग को ठीक करने और सात दिन में केदारनाथ पैदल यात्रा बहाल करने की जिम्मेदारी दी गई है, जिन्होंने केदारघाटी पहुंचकर प्रभावित क्षेत्रों का हवाई और स्थलीय निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन, लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज पांडे, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय, राष्ट्रीय राजमार्ग मुख्य अभियंता दयानंद ने केदारघाटी पहुंचकर प्रभावित क्षेत्रों का हवाई और स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने क्षतिग्रस्त मार्गो का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों को मार्ग को प्राथमिकता से योजना बनाकर वहां दो-तीन दिन के भीतर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि घोड़ा पड़ाव और जंगलचट्टी सहित 29 जगहों पर मार्ग क्षतिग्रस्त है। उन्होंने बताया कि गौरीकुंड के समीप घोड़ापड़ाव में मार्ग का 15 मीटर हिस्सा तथा जंगलचट्टी में 60 मीटर हिस्सा बारिश से बह गया, जिन्हें ठीक करना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है।

Related Articles

Back to top button