अमेरिका में जो भी राष्ट्रपति चुनाव जीतेगा भारत उनके साथ काम करने में सक्षम है: जयशंकर
नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को विश्वास जताया कि जो भी अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव जीतेगा भारत उनके साथ काम करने में सक्षम है। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव इस वर्ष के अंत में होंगे। एक कार्यक्रम के दौरान एक सवाल पर जयशंकर ने अमेरिकी चुनाव के संदर्भ में कहा, ‘‘हम आम तौर पर दूसरों के चुनावों पर टिप्पणी नहीं करते हैं, क्योंकि हम भी यह उम्मीद करते हैं कि अन्य हमारे चुनावों पर टिप्पणी नहीं करेंगे।”
जयशंकर ने कहा, “लेकिन, अमेरिकी प्रणाली अपना फैसला सुनाएगी और मैं यह सिर्फ औपचारिकता के तौर पर नहीं कह रहा हूं, बल्कि यदि आप पिछले 20 वर्षों को देखें, या शायद उससे भी अधिक, तो हमें पूरा विश्वास है कि हम अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ काम करने में सक्षम होंगे, चाहे वह कोई भी हों।”
जयशंकर ने यह भी कहा, ‘‘हमारे यहां चुनाव वास्तव में उम्मीदवारों, जनता और प्रणाली की परीक्षा होती है तथा हम लगातार उन परीक्षाओं में पास होते हैं। इसलिए यह ऐसा देश है जहां आप हमेशा लोकतांत्रिक प्रक्रिया के समर्थन में लोगों को देखेंगे।” यह कार्यक्रम नई दिल्ली में ‘इंडियास्पोरा बीसीजी इम्पैक्ट रिपोर्ट’ जारी करने के अवसर पर आयोजित किया गया। विदेश मंत्री से जब वर्तमान में दुनिया के हालात पर उनकी राय पूछी गई, तो उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों के लिए बहुत ही निराशाजनक पूर्वानुमान रहेगा।
उन्होंने कहा, “अगर आप मुझसे दुनिया के बारे में मेरा नज़रिया पूछें, तो मैं एक आशावादी व्यक्ति हूं और आम तौर पर समस्याओं के समाधान के बारे में सोचता हूं…लेकिन मैं बहुत गंभीरता से कहूंगा कि हम एक असाधारण कठिन दौर से गुजर रहे हैं।” विदेश मंत्री से अमेरिका में प्रवासी समुदाय के लिए दोहरी नागरिकता के विचार के बारे में भी पूछा गया।
उन्होंने कहा, “मैंने भारत-अमेरिका संबंधों पर एक उपयोगी पुस्तक में पढ़ा था…जब प्रधानमंत्री नेहरू पहली बार अमेरिका गए थे, तो वहां 3,000 भारतीय थे, जब (प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी गईं, तो यह संख्या 30,000 हो गई, और जब राजीव गांधी गए, तो यह संख्या 3,00,000 हो गई, और जब प्रधानमंत्री मोदी गए, तो यह संख्या 33 लाख हो गई है।”