जीवनशैलीस्वास्थ्य

प्रेगनेंसी में योगासन करना है बेहद फायदेमंद, कई समस्‍याओं से रहेंगी दूर

नई दिल्ली : गर्भावस्था के दौरान प्रतिदिन योगाभ्यास आपको तंदुरुस्त रखता है और प्रसव के दौरान मन व शरीर को भी केंद्रित रखने में भी मदद करता है। प्रतिदिन योगासन करने से आपका शरीर क्रियाशील रहता है और गर्भावस्था में आमतौर पर होने वाली समस्याएं जैसे कब्ज और उल्टी आने से भी बचाता है। प्रतिदिन योगासन करने से शरीर से तनाव निकल जाता है जिससे प्रसव आराम से होने की संभावना बढ़ जाती है। गर्भाशय, गर्भाशय की नलिका और श्रोणि के हिस्से से तनाव निकल जाता है जिससे प्रसव में कोई दुविधा नहीं होती।

प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर को कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ता है। ऐसे में कुछ आसान योग (Yoga) करने से महिला का शरीर एक्टिव होगा और तमाम परेशानियों से राहत मिलेगी। इसके अलावा योगासन (Yoga) से बच्चे की ग्रोथ भी बेहतर होगी। ये भी माना जाता है कि प्रेगनेंसी (Pregnancy) के दौरान योग करने से नेचुरल प्रसव की संभावनाएं ज्यादा होती हैं, साथ ही महिला का प्रसव आसानी से हो जाता है।

जमीन पर बैठकर दोनों पैरों को सामने की ओर फैलाएं। पीठ सीधी रखें। अब घुटनों को मोड़कर तलवों को आपस में मिलाएं। दोनों हाथों से दोनों पैरों के पंजों को उंगलियां क्रॉक करते हुए कसकर पकड़ें। पैरों को तितली के पंखों की तरह ऊपर-नीचे हिलाएं। सहज श्वांस के साथ गति धीरे-धीरे बढ़ाएं। क्षमतानुसार ही करें। इसके बाद सामान्य स्थिति में लौट आएं। इस आसन को करने से कमर दर्द, सायटिका, पीठ दर्द होने पर इसे न करें।

इसके लिए आप सामान्य रूप से आलथी पालथी मारकर भी बैठें। इसके बाद सामान्य रूप से सांस लेते हुए उन पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करें। आपको बस ये नोटिस करना है कि कब सांस ली और कब छोड़ी। इसके अलावा ओम का उच्चारण करें। इससे मूड स्विंग, तनाव, डिप्रेशन जैसी कई समस्याओं में लाभ मिलेगा ।

किसी आसन पर आलथी पालथी लगाकर बैठें। हाथों को गोद में या घुटनों पर रखें। पीठ, गर्दन और सिर सीधा रखें। आंखों को बंद करें और इस अवस्था में अनुभव करें कि शरीर में स्थित सातों चक्रों से ऊर्जा निकल रही है और आपको उसका लाभ मिल रहा है। जितनी देर इस मुद्रा में बैठ सकें, उतनी ही देर बैठें। जबरन नहीं बैठें। इससे मानसिक रूप से शांति मिलती है, मन शांत होता है और गर्भस्थ शिशु पर सकारात्मक विचार का असर पड़ता है।

ये आसन सामान्यतः खड़े होकर किया जाता है, लेकिन गर्भवती महिलाओं को बैठकर करना चाहिए। इसके लिए पहले सुखासन में बैठें। पीठ सीधी रखें। अब सांस भरते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं और हथेलियों को जोड़कर ऊपर नमस्कार की मुद्रा बनाएं। कोहनी सीधी रहनी चाहिए। कुछ समय इसी मुद्रा में रहने के बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं। इस क्रम को तीन से पांच बार दोहराएं। इससे शरीर की स्ट्रेचिंग हो जाएगी और कमर दर्द में आराम मिलेगा।

Related Articles

Back to top button