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कैसे मिलती है नाइट्रोजन गैस के जरिए मौत की सजा, यूएस के अलबामा में तीसरी बार दी गई ये सजा

देहरादून ( विवेक ओझा) : अमेरिका में अलबामा प्रशासन ने कैरी डेल ग्रेसन को नाइट्रोजन गैस के जरिए मौत (Nitrogen gas execution ) की सजा दी है। यह अलबामा में तीसरा ऐसा मामला है जहां इस तरीके से सजा ए मौत दी गई है। अलबामा के सुप्रीम कोर्ट ने अलबामा के अटॉर्नी जनरल के निवेदन पर सुनवाई करते हुए कैरी डेल ग्रेसन ( Carey Dale Grayson) के नाइट्रोजन गैस के जरिए मृत्युदंड को मंजूरी दे दी है। कैरी डेल ग्रेसन और तीन अन्य लोगों पर 1996 में जेफरसन काउंटी में विकी डेब्लिक्स की हत्या करने का आरोप है। उस समय ये चारों अभियुक्त टिनएजर थे। अब अलबामा के गवर्नर ग्रेसन के मौत की सजा की तारीख तय करेंगे।

इस तरह अमेरिका के अलबामा में पहली बार नाइट्रोजन गैस के जरिए जघन्य अपराध करने वाले अपराधियों को मौत की सजा देने की परंपरा शुरू हो चुकी है। अमेरिका के अलबामा में केनेथ स्मिथ नाम के जिस शख्स को पहली बार इस तरीके से इसी साल जनवरी माह में सजा दी गई उसकी मृत्यु नाइट्रोजन गैस एग्जिक्यूशन के 22 वें मिनट में ही हो गई थी। अब अलबामा के तीसरी बार किसी व्यक्ति को नाइट्रोजन मृत्यु दंड के इस तरीके पर हंगामा मचा है। मानवाधिकार संगठन इसकी आलोचना कर रहे हैं और मृत्यु दंड के इस तरीके को अमानवीय बता रहे है।

नाइट्रोजन गैस के जरिए कैसे दी जाती है मौत:

जिस खुली हवा में हम लोग सांस लेते है उसमें भी नाइट्रोजन के साथ ऑक्सीजन की मात्रा होती है। सामान्य ताप और दाब पर पृथ्वी के वायुमण्डल का लगभग 78% नाइट्रोजन ही है और उसके बाद ऑक्सीजन पाई जाती है, जिसकी मात्रा 20.95 प्रतिशत है लेकिन अमेरिका के अलबामा में जिस शख्स को नाइट्रोजन गैस से मृत्यु दंड दिया गया वो 100 प्रतिशत नाइट्रोजन था। नाइट्रोजन मास्क के जरिए जब किसी शख्स को नाइट्रोजन दिया जाता है तो शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है और शरीर के विभिन्न अंगों तक ऑक्सीजन बिल्कुल भी नहीं पहुंच पाता है। ऐसे में शरीर का ब्रेन, हार्ट और भी दूसरे आर्गन काम करना बंद कर देते है। इससे व्यक्ति कोमा में भी चला जाता है और कभी -कभी इसी समय हार्ट अटैक भी हो जाता है।

आपको बता दें कि 58 लाख की आबादी वाले अमेरिकी राज्य अलाबामा में डब्ल्यू सी होलमैन करेक्शनल फैसिलिटी मौजूद जो अलाबामा की सबसे बड़ी जेल है. इसी जेल में 58 साल के कैनेथ स्मिथ को सजा-ए-मौत दी गई थी। स्मिथ दुनिया का पहला ऐसा शख्स था, जिसे नाइट्रोजन गैस के जरिए मौत दी गई। इससे पहले कभी किसी इंसान पर इस तरह मौत देने के लिए नाइट्रोजन गैस की टेस्टिंग नहीं हुई। इस तरह दो चीजें हुईं। पहली, स्मिथ दुनिया का पहला ऐसा शख्स बना, जिसकी मौत नाइट्रोजन गैस से हुई। दूसरी, स्मिथ की मौत के साथ ही इस बात की टेस्टिंग हो गई कि नाइट्रोजन गैस से सजा-ए-मौत देना कितना आसान या फिर कितना तकलीफदेह है।

अलबामा के अटॉर्नी जनरल ने बाद में कहा था कि नाइट्रोजन गैस से मौत देने का तरीका कामयाब रहा। उन्होंने ये भी कहा कि अलाबामा जेल में बंद मौत की सजा पा चुके 43 और कैदियों को भी ठीक इसी तरह तारीख आने पर मौत दी जाएगी हालांकि लाइव मौत देखने वाले एक जनर्लिस्ट का कहना था कि नाइट्रोजन गैस से आसान मौत दिए जाने के जो दावे किए गए थे, वो गलत थे क्योंकि उन्होंने स्मिथ को अपनी आंखों के सामने कई मिनटों तक तड़पते देखा था। इस संबंध में मानवाधिकार संगठनों की चिंताओं को भी प्रशासन द्वारा ध्यान में रखा जाना जरूरी है।

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