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रूसी जमीन पर यूक्रेन ने खोला मिलिट्री आफिस, पुतिन को एक और झटका

नई दिल्ली : यूक्रेन द्वारा किए गए जवाबी हमलों से रूस हैरान है. दरअसल यूक्रेन ने बीते कुछ दिनों में रूस की उतनी जमीन (land) को अपने कब्जे में ले लिया है जितना पुतिन (Putin) की सेना ने बीते कई महीनों में यूक्रेन में कब्जाया था. यूक्रेन द्वारा हमले की शुरूआत 6 अगस्त को की गई थी जब उसके सैनिकों ने टैंकों और विमानों के बड़े काफिले रूस के साथ कुर्स्क इलाके में धावा बोल दिया.

अब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने दावा किया है कि उनके देश की सेना ने रूस के कुर्स्क इलाके में स्थित शहर सुदज़ा पर पूर्ण नियंत्रण कर लिया है. यूक्रेन का यह अभी तक रूस पर सबसे ख़तरनाक हमला है. यूक्रेन ने कुर्स्क इलाक़े में अपना सैन्य प्रशासनिक दफ्तर तक बना लिया है. यूक्रेन का कहना है कि उसकी सेना रूसी क्षेत्र में कई जगहों से आगे बढ़ रही है.

ओलेक्सांद्र सिर्स्की ने कहा कि यूक्रेनी सैनिकों ने रूसी सुरक्षा बलों को भेदते हुए 35 किलोमीटर (21.7 मील) आगे बढ़कर 1,150 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र और 82 बस्तियों पर कब्ज़ा कर लिया है. हालांकि यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने ऐलान किया है कि उनकी सेना ने रूस के जिन इलाक़ों पर क़ब्ज़ा किया है, उन पर स्थाई कब्जे की कोई मंशा नहीं है.

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन पर शांतिपूर्ण आम लोगों पर हमला करने का आरोप लगाते हुए “उचित जवाब” देने का ऐलान किया है. पुतिन ने इस कदम को “उकसावे वाला बड़ा कदम” बताया. उन्होंने रूसी सेना को आदेश दिया कि “दुश्मन को हमारे क्षेत्र से बाहर निकाला” जाए. रूस ने 1. 20 लाख से अधिक लोगों को कुर्स्क क्षेत्र से हटने के लिए कहा है.

दरअसल बीते सप्ताह रूस के पश्चिमी सीमा क्षेत्र कुर्स्क पर अचानक हमला हुआ था जिसके कारण रूसी अधिकारियों ने क्षेत्र में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी. इससे पहले कुर्स्क के कार्यवाहक गवर्नर एलेक्सी स्मिरनोव ने सुदज़ा के उत्तर-पश्चिम में लगभग 45 किमी (28 मील) दूर ग्लुशकोवो क्षेत्र को खाली करने का आदेश दिया, क्योंकि यूक्रेन की सेना यहां पहुंचने में कामयाब रही थी.

सुदज़ा एक रूसी गैस टर्मिनल के बगल में स्थित है. यह एक ऐसा प्रमुख केंद्र है जहां से रूस यूक्रेन से होते हुए यूरोप को गैस की आपूर्ति करता है. इससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि कीव का एक लक्ष्य मॉस्को के लिए कमाई के सोर्स चोट पहुंचाना हो सकता है. यूक्रेन के जमीनी आक्रमण ने हजारों रूसियों को उनके घरों से निकलने पर मजबूर कर दिया है और सुदजा में रूस को पीछे धकेल दिया है.

बुधवार को यूक्रेनी ड्रोन ने युद्ध के सबसे बड़े हमले में चार रूसी हवाई अड्डों को निशाना बनाया. हालांकि, रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने कुर्स्क और पड़ोसी क्षेत्रों में 117 बड़े ड्रोन और चार टैक्टिकल मिसाइलों को तबाह कर दिया. यूक्रेन का हमला रूस के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी का कारण बन गया है. वहीं यह हमला दूसरे विश्वयुद्ध के बाद किसी विदेशी सेना का रूस पर पहला हमला है जो यूक्रेन की रणनीति में एक अहम बदलाव का संकेत देता है.

यूक्रेन के एक सैन्य कमांडर ने CNN को बताया कि यूक्रेन ने रूस के कब्जे वाले क्रीमिया के प्रमुख युद्धक्षेत्र पर भी कब्जा कर लिया है. हालांकि रूसी रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को टेलीग्राम पर पोस्ट किए गए अपडेट में दावा किया कि उसने कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी सेना से पहला गांव (क्रुपेट्स की बस्ती) वापस ले लिया है.

कुर्स्क में लड़ाई धीरे-धीरे परमाणु ऊर्जा संयंत्र के करीब पहुंच गई है, जिससे संयुक्त राष्ट्र परमाणु एजेंसी को एक बयान जारी करना पड़ा, जिसमें दोनों पक्षों से ‘अधिकतम संयम बरतने’ का आग्रह किया गया है. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने दोनों पक्षों से ‘गंभीर रेडियोलॉजिकल परिणामों की संभावना वाले परमाणु दुर्घटना से बचने के लिए’ उपाय करने की अपील की है.

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