नई दिल्ली : दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में सीवर ओवरफ्लो से हो रही जन समस्याओं को लेकर दिल्ली सरकार की जल मंत्री आतिशी ने शनिवार को मुख्य सचिव को पत्र लिखा। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि अधिकारियों में आपसी तालमेल न होने का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। आतिशी ने मुख्य सचिव को समस्या की निगरानी, इसका हल और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
आतिशी ने अपने पत्र में कहा कि, “मुझे दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से सीवर ओवरफ्लो के संबंध में कई शिकायतें मिल रही हैं। इनमें पटपड़गंज गांव, शशि गार्डन, खिचड़ीपुर, सुभाष पार्क, राज नगर पार्ट 2, सत्य निकेतन, आरके पुरम, जेड ब्लॉक रंजीत नगर, फरीदपुरी, बुद्ध नगर, पांडव नगर, करोल बाग, गढ़ी गांव, पिलांजी गांव, चंद्रावल गांव, कोटला गांव , सराय काले खां बस्ती, जमरुदपुर और चिराग दिल्ली सबसे अधिक प्रभावित हैं।”
उन्होंने कहा कि ये शिकायतें बहुत गंभीर हैं। दिन प्रतिदिन स्थिति बदतर होती जा रही है। जगह-जगह सीवर ओवरफ्लो हो रहा है, जिसके चलते लोगों को परेशानी हो रही है। कई हिस्सों में सीवर का पानी, पीने के पानी को दूषित कर रहा है। यदि इस पर तुरंत ध्यान नहीं दिया गया तो यह एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बन सकता है।
उन्होंने कहा कि, मैंने संबंधित स्थानीय प्रतिनिधियों और दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के अधिकारियों के साथ कई समीक्षा बैठक की। इन बैठकों के दौरान स्थानों के साथ विशिष्ट शिकायत संबंधित अधिकारियों को भेज दी गई। हालांकि, विभिन्न विभागों के बीच जमीनी स्तर पर समन्वय नहीं होने के कारण गतिरोध बना हुआ है।
उन्होंने कहा, “शहरी विकास विभाग, दिल्ली जल बोर्ड और वित्त विभाग समस्या का समाधान करने के बजाय आरोप-प्रत्यारोप में लगे हैं। इसका परिणाम है कि दिल्ली के लोग बुरी तरह से प्रभावित हैं। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि मुख्य सचिव नौकरशाही का प्रमुख होता है। इसलिए, एक मुखिया के रूप में इन मुद्दों को सुलझाना आपकी जिम्मेदारी है। ताकि लोगों को सरकारी अधिकारियों की ढिलाई का खामियाजा न भुगतना पड़े।”
उन्होंने कहा, “मैंने कई बार मौखिक और लिखित रूप से आपको इस मुद्दे को असहनीय होने से पहले हल करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि आपकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई, जो स्वीकार्य नहीं है।”
उन्होंने पत्र में आगे लिखा कि मुख्य सचिव को एक बार फिर निर्देशित किया जाता है कि दिल्ली भर में सीवर ओवरफ्लो से संबंधित किसी भी समस्या की निगरानी करें और उसका समाधान करें। साथ ही उन अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करें जिनकी लापरवाही के कारण यह संकट पैदा हुआ है।