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करुणा और त्याग की प्रतिमूर्ति मदर टेरेसा की पुण्यतिथि:

नई दिल्ली ( दस्तक ब्यूरो) : नोबल शांति पुरस्कार और रेमॉन मैग्सेसे शांति पुरस्कार विजेता, शांति दूत और समाज सेविका मदर टेरेसा की आज 112वीं जयंती है। ‘सेंट टेरेसा ऑफ कलकत्ता’ के नाम से भी विख्यात मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को अल्बानिया में हुआ था। मदर टेरेसा एक ‘अल्बेनियाई-भारतीय रोम कैथोलिक नन’ थीं, जिन्होंने ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ नाम के कैथोलिक धार्मिक जनमंडली की वर्ष 1950 में कोलकाता में स्थापना की थी। मदर टेरेसा को उनके समाजसेवक के तौर पर किए गए कार्यों के लिए जाना जाता है। उन्होंने दीन-दुखियों, कुष्ठ रोगियों और अनाथों की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।

मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को अल्बानिया के Skopje, Macedonia में हुआ था। उनकी मृत्यु 5 सितंबर 1997 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में हुई थी। 5 सितंबर को ‘इंटरनेशनल डे ऑफ चैरिटी’ के तौर पर मनाया जाता है। मदर टेरेसा ‘सेंट टेरेसा ऑफ कलकत्ता’ के नाम से भी विख्यात हैं। उन्होंने ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ की स्थापना वर्ष 1950 में कोलकाता में की थी। मदर टेरेसा को वर्ष 1962 में रेमॉन मैग्सेस शांति पुरस्कार से दिया गया था। मदर टेरेसा को वर्ष 1979 में नोबल शांति पुरस्कार दिया गया था। मदर टेरेसा को वर्ष 1980 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। मदर टेरेसा को 4 सितंबर 2016 को सेंट की उपाधि दी गई।

मदर टेरेसा से जुड़े प्रमुख तथ्य: मदर टेरेसा 1929 में भारत आईं और दार्जिलिंग के सेंट टेरेसा स्कूल में स्टडी की। 24 मई 1931 को अपनी पहली धार्मिक प्रतिज्ञा ली। उनके द्वारा स्थापित संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी आज 123 देशों में एक्टिव हैं। इसमें कुल 4,500 सिस्टर हैं। 1946 में उन्होंने गरीबों, असहायों की सेवा का संकल्प लिया था। 1950 में टेरेसा ने निस्वार्थ सेवा के लिए कोलकाता में ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ की स्थापना की थी। उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार, भारत रत्न, टेम्पटन प्राइज, ऑर्डर ऑफ मेरिट और पद्म श्री से नवाजा गया था। 2016 में, उन्हें सेंट पीटर स्क्वायर में पोप फ्रांसिस द्वारा ‘संत’ घोषित किया गया था। वे अपनी मृत्यु (05 सितंबर 1997) तक कोलकाता में ही रही और आज भी उनकी संस्था गरीबों के लिए काम कर रही है।

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