राजस्थानराज्य

भजनलाल सरकार का बड़ा फैसला, अब मालदार मुफ्त के राशन का नहीं ले सकेंगे मजा

जयपुर: राजस्थान की भजनलाल सरकार मुफ्त राशन योजन को लेकर बड़ा कदम उठाने जा रही है. अब सूबे में मुफ्त के राशन का आनंद उठाकर जरुरतमंद गरीबों का हक खा रहे मालदारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों की लिस्ट से बाहर किया जाएगा. प्रदेश में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से ऐसे लोगों की लिस्ट तैयार की जा रही है जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ ले रहे हैं. इनमें कार जैसे लग्जरी वाहनों का उपयोग करने वाले और इनकम टैक्स चुकाने वाले लोग शामिल हैं. विभाग ने मामले में परिवहन विभाग और इनकम-टैक्स विभाग को पत्र लिखा है ताकि ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें लाभार्थियों की लिस्ट से तुरंत बाहर कर असली हकदारों को योजना का लाभ दिया जा सके.

विधानसभा में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में अभी 4 करोड़ 35 लाख प्रदेशवासियों को योजना के तहत फायदा पहुंचाया जा रहा है. प्रदेश में अभी भी काफी लोगों ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ के दिए जाने के लिए आवेदन कर रखा है. उनके नाम जोड़ने की प्रक्रिया की जा रही है. लेकिन लंबे समय से विभाग को इस बात की भी शिकायतें मिल रहीं थी ऐसे लोग बड़ी तादाद में योजना का लाभ ले रहे हैं जो आर्थिक स्थिति के लिहाज से योजना के लिए अपात्र हैं.

हालांकि विभाग ने पहले लोगों को खुद आगे आकर इस मामले गिव अप करने का आह्वान किया था. ताकि वे लोग जो संजीदा हैं खुद आगे आकर कहें कि हम योजना के लिए असली हकदार नहीं हैं. लेकिन इस प्रयास का कोई खास असर नजर नहीं आने पर अब विभाग पहले उन लोगों को बाहर करने तैयारी कर रहा है जो आयकरदाता हैं और कार जैसे वाहनों का अपने दैनिक जीवन में उपयोग कर रहे हैं.

इसके लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने परिवहन विभाग और आयकर विभाग को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है. परिवहन विभाग से जो जानकारी मांगी गई है उसमें ट्रैक्टर और वाणिज्य श्रेणी के वाहनों को छोड़कर प्रदेश के समस्त चौपहिया वाहन मालिकों के आधार कार्ड का ब्यौरा मांगा है ताकि ड्राइवरी कर पेट पालने वाले लोगों को नुकसान न हो. विभाग का मानना है कि आधार कार्ड के माध्यम से इन लोगों की पहचान की जाएगी और उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से बाहर निकाला जाएगा. विभाग के मंत्री सुमित गोदारा ने लोगों से अपील की है कि सक्षम लाभार्थी खुद पात्रों की लिस्ट से अपना नाम हटवाएं ताकि गरीब पात्र को उनके हिस्से का अन्न मिल सके.

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राजस्थान में पात्रों की अधिकतम सीमा 4 करोड़ 46 लाख तय है. अभी 4 करोड़ 35 लाख को इसका लाभ मिल रहा है. जबकि अभी भी 13 लाख 90 हजार से ज्यादा लोगों के आवेदन लंबित है. तमाम कोशिशों के बावजूद भी इन लंबित आवेदनों में 7 लाख से ज्यादा को लाभ नहीं मिल सकता है. ऐसे में विभाग की तैयारी के तहत अगर मालदारों को लिस्ट से बाहर कर दिया जाता है तो बरसों से योजना के लाभ का इंतजार कर रहे लोगों का भी नंबर आ सकेगा.

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