बारांः राजस्थान के बारां जिले के घनी आदिवासी आबादी वाले क्षेत्र शाहाबाद और किशनगंज में आदिवासी सहरिया समुदाय के बच्चों में कुपोषण के मामले सामने आए हैं. जबकि सरकार द्वारा परिवारों को पोषक तत्वों से भरपूर भोजन की आपूर्ति के विशेष प्रावधानों किए गए हैं. जिले के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि पिछले सप्ताह की शुरुआत में एक कुपोषित सहरिया बच्चे का पता चलने के बाद, बारां के जिला कलेक्टर ने शाहाबाद-किशनगंज क्षेत्र में कुपोषित बच्चों की पहचान करने के लिए एक व्यापक सर्वेक्षण का आदेश दिया था.
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले सप्ताह 1-5 वर्ष की आयु के कम से कम 133 बच्चों की पहचान कुपोषित के रूप में हुई है. जिनमें से शाहाबाद के 94 बच्चे और जिला मुख्यालय बारां के 39 बच्चों का दो कुपोषण उपचार केंद्रों में इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा, शाहाबाद और किशनगंज में लगभग 40,000 सहरिया परिवार रहते हैं, और अधिकांश परिवारों में 7 से 8 बच्चे हैं.
शाहाबाद में एमटीसी के प्रभारी डॉ ने कहा, “सर्वेक्षण में अधिकांश कुपोषित बच्चों की पहचान की गई है, और अब केवल 1-2 ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिससे पता चलता है कि स्थिति नियंत्रण में है. उन्होंने बताया कि फिलहाल दोनों एमटीसी में 94 बच्चों का इलाज चल रहा है और वे धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं. बता दें कि सहरिया परिवारों के बीच पोषक तत्वों से भरपूर भोजन की आपूर्ति और वितरण किया गया.
एकीकृत बाल विकास सेवा की उप निदेशक नीरू सांखला ने कहा, हालांकि, इस वर्ष चिकित्सीय आहार के लिए बजट आवंटित नहीं किया गया है. कुपोषण के मामलों में वृद्धि का कारण बताते हुए सांखला ने कहा कि जनजाति के लोग प्रवासी मजदूर हैं, जो बरसात के मौसम में कार्य क्षेत्रों से अपने परिवार के साथ घर लौटते हैं. इससे इन मामलों में बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, मौसमी बीमारियां भी प्रचलित हैं, जिससे बच्चों और महिलाओं में वजन भी घटता है.