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राष्ट्रीय पोषण माह को सफल बनाने के लिए जोर शोर से हो रहा प्रयास

नई दिल्ली ( विवेक ओझा) : 7 सितंबर, 2024 तक 7वें राष्ट्रीय पोषण माह से जुड़ी 1.37 करोड़ गतिविधियां होने की खबर आई । 35 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के 752 जिलों में ये 1.37 करोड़ गतिविधियां दर्ज की गई हैं जिससे पता चलता है कि देश में राष्ट्रीय पोषण माह को मनाने और इस दिशा में कार्य करने के लिए भारी संख्या में लोग रुचि ले रहे हैं। बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश इस मामले में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य रहे हैं। इसकी सूचना महिला और बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने दी है।

शिक्षा मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, और पंचायती राज मंत्रालय इस मामले में टॉप योगदानकर्ता मंत्रालय रहे हैं। आपको बता दें 7वा राष्ट्रीय पोषण माह 31 अगस्त, 2024 को महात्मा मंदिर, गांधीनगर गुजरात में लॉच किया गया था जिसमें एनीमिया (खून की कमी) , ग्रोथ मॉनिटरिंग, कंप्लीमेंट्री फीडिंग और पोषण भी पढ़ाई भी जैसे विषयों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया था। इसमें बेहतर गवर्नेंस के लिए टेक्नोलॉजी की भी बात की गई है।

राष्ट्रीय पोषण माह एक वार्षिक अभियान है, जिसका उद्देश्य कुपोषण को दूर करना और बेहतर पोषण एवं स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देना है। यह दिवस पोषण अभियान (प्रधानमंत्री की समग्र पोषण योजना) के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष सितंबर के महीने में मनाया जाता है। राष्ट्रीय पोषण माह का उद्देश्य पोषण के विषय में जागरूकता बढ़ाना, आहार पद्धतियों में सुधार करना तथा बच्चों, किशोरों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं सहित कमज़ोर समूहों के बीच कुपोषण से निपटना है। यह ‘सुपोषित भारत’ के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप है। इसमें विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं, जैसे वृक्षारोपण अभियान, पोषक तत्त्वों का वितरण, सामुदायिक पहुँच कार्यक्रम, प्रदर्शनियाँ और शैक्षिक सत्र।उदाहरण के लिये राष्ट्रीय पोषण माह 2024 की शुरुआत “एक पेड़ माँ के नाम” नामक राष्ट्रव्यापी वृक्षारोपण अभियान के साथ हुई।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय अपने मिशन पोषण 2.0 के माध्यम से देश भर में बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण की समस्‍या से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है।” महीने भर चलने वाले इस अभियान का उद्देश्य कुपोषण से निपटने के प्रयासों में और तेजी लाना तथा देश भर में समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है।

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