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बेसहारा बुजुर्गों को मुफ्त में खाना बांट रही नेकी की रसोई, 5 थालियों से शुरू किया था सफर

नई दिल्ली: लुधियाना में कोई भी बुजुर्ग भूखा नहीं सोता है। यहाँ “एक नूर” नेकी की रसोई बेसहारा बुजुर्गों के लिए एक अनमोल सहारा बन चुकी है। यह रसोई बुजुर्गों को उनके घर तक निशुल्क भोजन पहुंचा रही है, जो उनके चेहरे पर खुशी की चमक ला रही है। 15 लोगों की एक टीम इस नेक काम में जुड़ी है। वे 5 अस्पतालों में लंगर सेवा और गिल चौक पर 5 रुपए में भरपेट खाना भी प्रदान कर रहे हैं। पहले 5 थालियों से शुरू हुई यह सेवा अब 100 थालियों तक पहुँच चुकी है।

मददगारों की टीम में सेवानिवृत्त अधिकारी, व्यवसायी, फैक्ट्री मालिक और समाजसेवी लोग शामिल हैं। सेवादार हरी ओम जैन और हरिदेश जैन ने बताया कि 14 जनवरी 2022 को समाजसेवी मनदीप दीवान की प्रेरणा से “सीनियर सिटीजन थाली” की शुरुआत की गई। पहले एक सर्वे किया गया, जिसमें पता चला कि बहुत से बुजुर्ग हैं, जिनका कोई सहारा नहीं है और जो त्योहारों पर भी अकेले रह जाते हैं।

भोजन की विशेष व्यवस्था के तहत सुबह और शाम के खाने का अलग मैन्यू होता है। सुबह में रोटी, हरी सब्जी और रायता मिलता है, जबकि शाम के भोजन में रोटी, दाल, हरी सब्जी, खिचड़ी या दलिया शामिल होते हैं। खास बात यह है कि त्योहारों पर पूरी और छोले के साथ हलवा या खीर भी दी जाती है, जो बुजुर्ग शारीरिक स्थिति ठीक न होने के कारण न तो घर में खाना बना सकते हैं और न ही बाहर से मंगा सकते हैं। उनके लिए यह सेवा एक वरदान साबित हो रही है।

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