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पार्टनर के साथ संबंध बनाने के बाद गर्भवती हुई 20 साल की छात्रा, HC ने 25 हफ्ते के भ्रूण के गर्भपात की दी इजाजत

नई दिल्ली. बॉम्बे हाई कोर्ट ने 20 साल की छात्रा को 25 हफ्ते के भ्रूण के गर्भपात की इजाजत दे दी है। छात्रा ने अपने पार्टनर के साथ सहमति से संबंध बनाए थे, जिसके बाद वह गर्भवती हो गई। कोर्ट ने ऐसे मामलों में पार्टनर की जिम्मेदारी और भागीदारी तय करने के लिए एक उचित व्यवस्था बनाने पर जोर दिया है। इसके लिए अदालत ने ऐडवोकेट अभिनव चंद्रचूड़ को न्याय मित्र (अमिका क्यूरी) के रूप में नियुक्त किया है, ताकि एक सही व्यवस्था तय की जा सके।

इस मुद्दे पर विचार करने के लिए कोर्ट ने 20 सितंबर को अगली सुनवाई रखी है। छात्रा ने कहा कि वह अपने माता-पिता पर निर्भर है और उसकी अपनी कोई आमदनी नहीं है। इसलिए वह गर्भावस्था को जारी रखने की इच्छुक नहीं है। बॉम्बे हाई कोर्ट की बेंच ने 20 वर्षीय छात्रा को उसके पसंद के अस्पताल में गर्भपात की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने इस फैसले में छात्रा के बच्चे को जन्म देने के अधिकार, उसकी पसंद और उसके शरीर पर अधिकार को ध्यान में रखा। बेंच ने छात्रा की स्वास्थ्य समस्याओं पर विचार करने के बाद उसे गर्भपात की अनुमति दी। इसके अलावा बेंच ने छात्रा को उसकी पसंद के अस्पताल में गर्भपात से जुड़ी सभी प्रक्रियाएं पूरी करने की भी अनुमति दी है।

स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही छात्रा
इससे पहले छात्रा की वकील ने जस्टिस अजय गडकरी और जस्टिस नीला गोखले की बेंच के सामने बताया कि छात्रा कई वर्षों से त्वचा से जुड़ी गंभीर बीमारी से परेशान है और उसके अंडाशय में भी समस्या है। इन स्वास्थ्य समस्याओं के चलते भी वह गर्भावस्था को जारी रखने के लिए राजी नहीं है। हालांकि, मेडिकल बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि गर्भपात के लिए कोई चिकित्सीय आवश्यकता नहीं है क्योंकि भ्रूण में कोई विसंगति नहीं थी।

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