Uttarakhand : नगर निकाय चुनाव से पहले अनुपूरक बजट का मास्टर स्ट्रोक
–गोपाल सिंह पोखरिया, देहरादून
धामी सरकार की ओर अपने बजट का आकार दोगुना करने के लिए तेजी से कार्य किए जा रहे हैं। हाल में मानसून सत्र के दौरान सरकार ने अनुपूरक बजट पारित कर बड़ी उपलब्धि हासिल करने का प्रयास किया है। सशक्त उत्तराखंड की आधारभूमि तैयार करने के लिए सरकार की ओर से की गई दो पहल को धरातल पर आकार देने में अनुपूरक बजट बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) को पांच वर्ष में दोगुना करने के साथ ही संसाधनों के विकास और नियोजन के लिए सरकार ने दो महत्वपूर्ण संस्थाएं उत्तराखंड निवेश एवं आधिकारिक संरचना विकास बोर्ड (यूआइआइडीबी) और सेतु आयोग गठित की हैं। अनुपूरक बजट में इन संस्थाओं के लिए धन की व्यवस्था की गई है। गत फरवरी माह में प्रदेश के मुख्य बजट का आकार 89230.07 करोड़ रहा। अनुपूरक बजट को सम्मिलित करने पर अब बजट आकार बढ़कर 94243.12 करोड़ हो गया है। वर्ष 2025 तक सशक्त उत्तराखंड के संकल्प को पूरा करने में अब यूआइआइडीबी और सेतु आयोग ने बड़ी भूमिका निभानी है। अनुपूरक बजट में यूआइआइडीबी के अंतर्गत उत्तराखंड निवेश एवं आधिकारिक संरचना विकास निधि के अंतर्गत 52 करोड़ की राशि रखी है। सेतु आयोग के लिए 7.80 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
नगर निकाय चुनाव से पहले अनुपूरक बजट में शहरी विकास पर धनवर्षा की गई है। आवास एवं शहरी विकास के अंतर्गत 528 करोड़ से अधिक धनराशि खर्च की जा सकेगी। नगरीय अवस्थापना के सुदृढ़ीकरण और बाह्य सहायतित योजनाओं के लिए 192 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए आवास निर्माण को 96.76 करोड़, यूनिटी माल अथवा प्लाजा निर्माण को 69 करोड़, और सीवरेज प्रबंधन कार्यों के लिए एनजीटी के निर्देश पर रिंग फेंसिंग को 120 करोड़ का प्रॉवधान किया गया है। स्थानीय निकायों के सशक्तीकरण को 45.92 करोड़, स्वच्छ भारत मिशन फेज-एक के लिए चार करोड़, उत्तराखंड शहरी स्थानीय निकाय सुधार प्रोत्साहन निधि को एक करोड़, नजूल भूमि फ्रीहोल्ड करने को जमा धनराशि की वापसी को 50 लाख की राशि अनुपूरक मांगों में सम्मिलित की गई। सरकार ने अनुपूरक बजट में शहरी विकास के साथ सभी वर्गों को लुभाने का प्रयास जारी रखा है। गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी यानी ज्ञान (जीवाइएएन) को केन्द्र में रखकर नीतियों एवं योजनाओं को क्रियान्वित करने के केन्द्र की मोदी सरकार के एजेंडे के साथ धामी सरकार ने कदम आगे बढ़ाए हैं। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के माध्यम से युवाओं को स्वरोजगार देने की पहल अब तक अच्छी रही है। इस योजना के लिए 20 करोड़ की राशि रखी गई है। युवाओं को केन्द्र में रखकर विभिन्न छात्रवृत्तियों के लिए लगभग 27 करोड़ रुपये और 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए 10 करोड़ रुपये अनुपूरक मांग में सम्मिलित किए गए।
वित्तीय वर्ष 2024-25 के पहले अनुपूरक बजट में पुष्कर सिंह धामी सरकार का अवस्थापना विकास का एजेंडा झलक रहा है। वर्ष 2025 तक सशक्त उत्तराखंड बनाने के मुख्यमंत्री धामी के संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में ढांचागत सुविधाओं के विस्तार के लिए अनुपूरक मांगों के माध्यम से धन उपलब्ध कराया गया है। विशेष रूप से शहरों में सम्मिलित ग्रामीण और अद्र्ध ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा सकेगा। सरकार ने नगर निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले विकास को गति देने के लिए मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है। चालू वित्तीय वर्ष का पहला अनुपूरक बजट गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सदन के पटल पर रखा गया। लगभग 5000 करोड़ के इस अनुपूरक बजट की तैयारी को लेकर सरकार सतर्क थी। गत वित्तीय वर्ष की तुलना में इस बार अनुपूरक बजट सीमित रखा गया। वित्तीय वर्ष 2023-24 में अनुपूरक बजट की राशि 11 हजार करोड़ से अधिक रखी गई थी। विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण उत्तराखंड में विकास कार्यों को निर्धारत समय पर पूरा करने की चुनौती रही है। बरसात के मौसम में आपदा के कारण प्रदेश के बड़े हिस्से में विकास कार्य गति नहीं पकड़ पाते। इसके बाद सर्दियों में बर्फबारी निर्माण कार्यों की राह में बड़ी बाधा बन जाती है। इन बाधाओं को ध्यान में रखकर अनुपूरक बजट की राशि को संतुलित रखना सरकार की रणनीति रही है। मुख्यमंत्री धामी अगले पांच वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार दोगुना करने और वर्ष 2025 तक सशक्त उत्तराखंड के संकल्प को धरातल पर उतारने को प्राथमिकता दे रहे हैं। अनुपूरक मांगों में सरकार का यही एजेंडा आगे बढ़ता दिखाई दिया है।
केन्द्र में मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट जुलाई माह में प्रस्तुत किया। केन्द्र के नए बजट में वाइब्रेंट विलेज के साथ ही गरीबों के लिए आवास समेत विभिन्न योजनाओं के लिए समुचित धनराशि रखी थी। धामी सरकार केंद्रपोषित योजनाओं के साथ ही केन्द्रीय वित्तीय सहायता के बूते प्रदेश में अवस्थापना विकास पर विशेष बल दे रही है। पर्यटन के माध्यम से राज्य की आर्थिकी मजबूत बनाई जा सकती है, साथ में रोजगार के भी बड़े अवसर उपलब्ध होंगे। अन्नदाता के लिए प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना (कुसुम) के लिए 10 करोड़ और उत्तराखंड जलवायु अनुकूल बारानी कृषि परियोजना को 20 करोड़ रुपये और डेयरी विकास परियोजना के रिवाल्विंग फंड के लिए 15 करोड़ की राशि का प्रवधन सरकार ने किया है।
महिलाओं के लिए विभिन्न योजनाएं आगे बढ़ाई गई हैं। इनमें मुख्यमंत्री बाल एवं महिला बहुमुखी विकास निधि के लिए आठ करोड़, मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना के लिए छह करोड़, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना के लिए दो करोड़, प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के लिए 1.44 करोड़ और मुख्यमंत्री महिला सतत आजीविका योजना के लिए एक करोड़ की राशि अनुपूरक बजट में रखी गई है। यूआइआइडीबी विभिन्न सरकारी विभागों के लिए इस प्रकार नीति निर्धारण करेगा कि वे अर्थव्यवस्था के आकार को बढ़ाने में सहयोग कर सकें। बोर्ड की सहायता से विभागों की कार्य प्रणाली में नीतिगत परिवर्तन संभव होंगे। वहीं सेतु आयोग अब उत्तराखंड के नियोजन की प्रभावी भूमिका में आएगा। यह आयोग राज्य की आवश्यकता को ध्यान में रखकर बजट का आकार और उसके प्रबंधन की रणनीति भी निर्धारित करेगा। अनुपूरक बजट में सभी वर्गों के साधने के लिए उपाय किए गए हैं। सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन भुगतान में आ रही कठिनाइयों को दूर करने के लिए 100.03 करोड़ की राशि रखी गई है।
29 माह में 14196 पदों पर दी नौकरी
चुनाव के दौरान बेरोजगारी का मुद्दा प्रमुखता से छाया रहा था और सरकार ने इस पर कार्य करने का भरोसा युवाओं को दिया था। अब इस पर धामी सरकार लगातार कार्य कर रही है। धामी सरकार के अब तक के 29 माह के कार्यकाल में 14196 पदों पर अभ्यर्थियों के चयन की कार्यवाही पूर्ण कर संबंधित विभागों को संस्तुतियां भेजी जा चुकी हैं। इसके अलावा 8326 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन को यह जानकारी दी। वह बेरोजगारी के विषय पर विपक्ष की ओर से लाए कार्य स्थगन की ग्राह्यता पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं की शुचिता के लिए सख्त नकलरोधी कानून लाया गया, जिसकी देशभर में प्रशंसा हुई है। इससे भर्ती परीक्षाएं पूरी पारदर्शिता से हो रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एससी-एसटी श्रेणी की रिक्तियों के बैकलाग को पूर्ण करने के लिए सभी विभागों को निर्देश दिए हैं। यद्यपि, सरकार के जवाब से विपक्ष के सदस्य संतुष्ट नहीं हुए और अपने स्थान पर खड़े हो गए। संसदीय कार्यमंत्री अग्रवाल ने वर्तमान सरकार के अब तक के कार्यकाल में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से 14196 पदों पर हुई चयन प्रक्रिया का विस्तार से ब्योरा रखा। साथ ही बताया कि उपनल के माध्यम से जुलाई 2021 से अब तक 5315 कार्मिकों को विभिन्न विभागों में रोजगार दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्याधीन विभागों में विभिन्न श्रेणी के स्वीकृत पदों के सापेक्ष 6094 पदों पर भर्ती के लिए अधियाचन चयन संस्थाओं को प्रेषित किए हैं। चयन आयोगों को संबंधित प्रक्रिया जल्द से जल्द पूर्ण करने को कहा है।