मौसम की मार से कराह उठे किसान, फसल की कटाई, अवशेष प्रबंधन सहित तमाम कृषि कार्य पड़े ठप्प
करनाल : बंगाल की खाड़ी से उठी चक्रवाती हवाओं के कारण जिले में दो दिन से लगातार मौसम खराब है। मंगलवार रात जिले के कई क्षेत्रों में बूंदाबांदी हुई। बुधवार को भी दिन में बादल छाए रहे और शाम को हल्के छींटे पड़े। पिछले 24 घंटे की तुलना में बुधवार को अधिकतम तापमान 3.2 डिग्री सैल्सियस गिरकर 30 डिग्री के आसपास आ गया। आगामी अगेती फसलों की बिजाई का उपयुक्त समय और तापमान की अनुकूल स्थिति बनी है किंतु छींटा-छांटी के कारण तमाम कृषि कार्य योजनाएं ठप्प हैं। वहीं खेतों में जो धान की पकी फसल बिछ गई थी उसमें बालियों में दाने काले पड़ गए जिस कारण गुणवत्ता प्रभावित होने से प्रति क्विंटल करीब 700 रुपए तक कम भाव मिलने से किसानों को नुक्सान हुआ है।
प्रगतिशील किसान वेदपाल राणा ने बताया कि यमुना क्षेत्र के रेतीले खेतों की जुताई करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि खेत तैयार किए जा सकें। बार-बार बूंदाबांदी हो जाती है। खेतों में पड़े धान के अवशेष भीग जाने के कारण उनके प्रबंधन में चुनौती सामने आ रही है। मौसम की वजह से ही घबराए किसान अधपकी फसल भी कटवा रहे हैं। दूसरी ओर एच.ए.यू. मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि बंगाल की खाड़ी से नमी युक्त हवाएं आने की संभावना से वीरवार को भी कहीं-कहीं पर छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना रहेगी। 20 सितम्बर के बाद बारिश की गतिविधियां कम होने की संभावना है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का पूर्वानुमान है कि 20 सितम्बर के बाद केवल हल्के बादल दिखाई दे सकते हैं। यह फिलहाल का पूर्वानुमान है। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को अधिकतम तापमान 30.0 व न्यूनतम 24.5 डिग्री सैल्सियस रहा। नमी 68 प्रतिशत, वाष्प दाब 20.4 एम.एम., हवा की औसत गति 4.5 किलोमीटर प्रति घंटा आंकी गई। 0.8 एम.एम. वर्षा दर्ज की गई। सितम्बर में अब तक 172.8 एम.एम. और इस वर्ष अब तक कुल 543.5 एम.एम. वर्षा दर्ज की गई है। एक दिन पूर्व मंगलवार को अधिकतम तापमान 33.2 व न्यूनतम 23.8 डिग्री सैल्सियस था। पिछले वर्ष 18 सितम्बर को अधिकतम तापमान 30.7, न्यूनतम 25.0 डिग्री सैल्सियस और 1.8 एम.एम. वर्षा हुई थी।