राजस्थानराज्य

नशे के लिए उपयोग वाली दवाईयों की खुली एवं अनियंत्रित बिक्री पर प्रतिबंध

हनुमानगढ़ : जिले में नशे के लिए उपयोग में ली जाने वाली दवाईयों की खुली एवं अनियंत्रित बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। नशे की रोकथाम के लिए जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट काना राम ने आदेश जारी है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों के तहत युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए अहम निर्णय लिया गया है।

आदेशानुसार जिले में कुछ दवाईयां, जो कि एनडीपीएस एक्ट के तहत नशे के रूप में परिभाषित नहीं हैं, उन्हें टेबलेट या इंजेक्शन के रूप में नशे के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इनमें प्रीगैबलिन, टैपेंटाडोल, जोपिक्लोन साल्ट आधारित जैसी दवाईयों हैं। इन्हें स्थानीय भाषा में सिग्नेचर, जॉडियर, हरा तोता, संतरी, हरे कैप्सूल और नीला फोर्ड भी कहा जाता है।

अब थोक एवं खुदरा दवा विक्रेता अथवा अन्य अनाधिकृत व्यक्ति या फर्म प्रीगैबलिन की 75 मिग्रा. से अधिक मात्रा की दवाईयों का क्रय-विक्रय नहीं कर सकेंगे। इन दवाईयों को बिना क्रय-विक्रय बिल के बेचान नहीं किया जा सकेगा। थोक दवा विक्रेता इन दवाईयों के समस्त क्रय-विक्रय का दैनिक स्टॉक रजिस्टर बैच नंबर सहित संधारण करेंगे। इसकी दिनांकवार सूचना प्रत्येक सप्ताह पुलिस अधीक्षक कार्यालय की ई-मेल आईडी sp.hanumangarh@rajpolice.gov.in और adc.hanumangarh.mh@rajasthan.gov.in पर भेजनी होगी। खुदरा दवा विक्रेता इनका विक्रय चिकित्सक की मूल प्रिसक्रिप्शन/पर्ची पर अपनी मुहर व दिनांक अंकित करते हुए ही करेंगे।

आदेशानुसार सहायक औषधि नियंत्रक थोक एवं खुदरा दवा विक्रेता के साल्ट आधारित दवाईयों के क्रय-विक्रय की मासिक रिपोर्ट की जांच करेंगे। सहायक औषधि नियन्त्रक सम्बंधित उपखण्ड अधिकारी एवं पुलिस विभाग परस्पर समन्वय से टीमें बनाकर मेडिकल स्टोर का औचक निरीक्षण करेंगे। वस्तुस्थिति से जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट को अवगत कराएंगे।

आदेश का उल्लंघन और अनियमितता मेडिकल स्टोर्स पर भारी पड़ सकता है। पुलिस प्रशासन अथवा उपखंड अधिकारी भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत दण्डित कराने की कार्रवाई करेंगे। यह आदेश 18 सितम्बर 2024 से आगामी 2 माह की अवधि तक प्रभावी रहेगा।

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