कमला हैरिस के अभियान कार्यालय में हुई गोलीबारी
नई दिल्ली ( दस्तक ब्यूरो) : डोनाल्ड ट्रंप की हत्या के प्रयास के बाद अब एक और हैरतंगेज घटना सामने आई है। अबकी बार कमला हैरिस को निशाना बनाने की कोशिश हुई है ।अमेरिका के एरिजोना में उपराष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस के अभियान कार्यालय में गोलीबारी की गई जिसकी पुष्टि अमेरिकी पुलिस ने की है । आधी रात के बाद किसी ने गोली चला दी। हालांकि, इस दौरान कार्यालय के अंदर कोई भी मौजूद नहीं था, लेकिन इस घटना के बाद इमारत के अंदर काम करने और आसपास रहने वालों की सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा हो गई। जासूस अब घटनास्थल पर सबूत जमा कर रहे हैं। अमेरिकन पुलिस ने बताया कि क्षेत्र में कर्मचारियों और अन्य लोगों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जा रहे हैं।
कार्यालय में यह दूसरी बार ऐसी घटना हुई है। पुलिस ने बताया कि इससे पहले 16 सितंबर को आधीरात के तुरंत बाद सामने की खिड़कियों पर बीबी गन या पैलेट गन से गोलीबारी की गई थी। इन दोनों घटनाओं के बाद किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। यह घटना पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर दूसरे हत्या के प्रयास के तुरंत बाद घटी। इस हदसे में हवाई निवासी रेयान राउथ को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले पेंसिल्वेनिया में एक रैली के दौरान ट्रंप पर गोली चलाई गई थी, जिसमें वह बाल बाल बच गए। इस तरह ट्रंप और हैरिस के बीच चुनावी जंग नए नए मोड़ दिखाने में लगी है ।
कमला हैरिस का राजनीतिक सफर:
कमला हैरिस ने पांच वर्ष पहले पहली बार राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल किया था। उन्होंने अपना कैरियर अलामेडा काउंटी के जिला अटॉर्नी – या शीर्ष अभियोजक – के रूप में शुरू किया, तथा 2004 से 2011 तक सैन फ्रांसिस्को शहर के लिए कार्य किया। उनकी अगली पदोन्नति कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल के रूप में हुई, जिससे वे अमेरिका के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में शीर्ष वकील के रूप में सेवा करने वाली पहली महिला और पहली अश्वेत व्यक्ति बन गईं थीं।
उन्होंने इस पॉलिटिकल माइलेज का उपयोग कैलिफोर्निया की अगली अमेरिकी सीनेटर के रूप में 2016 में अपने सफल अभियान को आगे बढ़ाने के लिए किया, जहां से उन्होंने समिति की सुनवाई में अपनी अभियोजन शैली के लिए चर्चा बटोरी।लेकिन 2020 का राष्ट्रपति पद का अभियान, जो बड़ी भीड़ और प्रमुख बहस के साथ शुरू हुआ था, विफल हो गया क्योंकि सुश्री हैरिस को अपनी विचारधारा और नीति मंच को स्पष्ट करने में संघर्ष करना पड़ा। उनका अभियान एक वर्ष से भी कम समय में समाप्त हो गया और फिर बाइडेन ने 59 वर्षीय कमला को अपने टिकट देकर उन्हें राष्ट्रीय सुर्खियों में वापस ला दिया था।