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हो गया ऐलान-ए-जंग का आगाज, ईरान ने इजराइल पर दागीं 180 से ज्यादा मिसाइलें, अमेरिका भी लड़ाई में कूदा

नई दिल्ली: अमेरिकी की चेतावनी के बाद भी ईरान ने पूरे इजराइल पर मंगलवार की देर रात 10 बजे 180 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। हालांकि, इसमें अब तक बड़े नुकसान की खबर नहीं है। तेल अवीव में 2 नागरिक घायल हुए हैं। ईरान के इस हमले के साथ ही इजराइल का करीब एक वर्ष पहले हिजबुल्ला और हमास के उग्रवादियों के साथ शुरू हुआ संघर्ष भीषण रूप से उग्र हो गया है और इसके पूरे पश्चिम एशिया क्षेत्र में फैलने का खतरा मंडराने लगा है। किसी के हताहत होने की तत्काल कोई सूचना नहीं है और इजराइल ने निवासियों को बंकरों में जाने का आदेश दिया है। इजरायल ने कहा है कि वह हिजबुल्लाह पर तब तक हमला करता रहेगा जब तक कि लेबनान सीमा के पास के घरों से विस्थापित नागरिकों के लिए वापस लौटना सुरक्षित नहीं हो जाता।

तेल अवीव और यरुशलम के निकट कई धमाके सुने गए, हालांकि यह तत्काल स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये धमाके मिसाइल के गिरने के या इजराइली सुरक्षा बलों द्वारा हमलों को रोके जाने के या दोनों के। इजराइल और अमेरिका ने चेतावनी दी है कि ईरान द्वारा इजराइल पर हमले की स्थिति में गंभीर परिणाम होंगे। राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने ‘व्हाइट हाउस सिचुएशन रूम’ से इजराइल पर हमलों की निगरानी की।

इजराइली सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हैगरी ने कहा कि देश की वायु रक्षा प्रणाली पूरी तरह से चालू है, जो खतरों का पता लगा रही है और उन्हें रोक रही है।” इजराइलियों के मोबाइल फोन पर सुरक्षित स्थान पर रहने के आदेश भेजे गए और राष्ट्रीय टेलीविजन पर इसकी घोषणा की गई। इजराइल के सरकारी टेलीविजन के अनुसार ईरान ने इजराइल पर दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइल दागने की जिम्मेदारी ली है।

अपने बयान में ईरान ने हिजबुल्ला नेता हसन नसरल्ला और रिवोल्यूशनरी गार्ड जनरल अब्बास निलफोरुशान का जिक्र किया, जो पिछले हफ़्ते बेरूत में एक इजराइली हवाई हमले में मारे गए थे। इसमें हमास के एक शीर्ष नेता इस्माइल हनीयाह का भी ज़िक्र किया गया, जिनकी जुलाई में तेहरान में एक संदिग्ध इज़राइली हमले में मौत हो गई थी। ईरान ने चेतावनी दी कि यह हमला केवल “पहला प्रहार” है।

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 16 सितंबर से लेबनान में इज़राइली हमलों में 1,000 से अधिक लोग मारे गए हैं और 6,000 से अधिक घायल हुए हैं। लेबनान के भीतर, 200,000 लोग विस्थापित हुए हैं, जबकि 100,000 से अधिक लोग सीरिया भाग गए हैं।

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