दस्तक-विशेषदिल्लीराष्ट्रीय

CM दिल्ली आतिशी : कांटों भरा ताज

देवव्रत

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जैसी एजेन्सियों के रडार पर आने और मुख्यमंत्री रहते ‘जेल यात्रा’ करने वाले केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे अरविन्द केजरीवाल ने अंतत: दूसरी बार जमानत मिलने के बाद पद त्याग दिया। पद त्यागने के साथ ही उन्होंने कालकाजी से विधायक आतिशी को अपना उत्तराधिकारी चुनते हुए उन्हें दिल्ली की कमान सौंप दी। हालांकि दिल्ली की नवनियुक्त मुख्यमंत्री आतिशी के पास ‘जौहर’ दिखाने का समय खासा कम है लेकिन स्वयं उन्हें और पार्टी को यह उम्मीद है कि राज्य के अगले विधानसभा चुनाव में दिल्ली की जनता केजरीवाल के नाम पर उन्हें ही दोबारा अपना ‘रहनुमा’ चुनेगी। खैर, सच तो यह है कि चाहे प्रकरण ईडी का रहा हो या फिर सीबीआई का, न्यायालय ने अरविन्द केजरीवाल को जमानत देते समय कुछ ऐसी शर्तें लगा दी थीं कि मजबूरन केजरीवाल को इस्तीफा देना ही पड़ा। यदि वह इस्तीफा नहीं देते तो बतौर मुख्यमंत्री अपने दायित्वों का निवर्हन नहीं कर सकते थे। …और यदि ऐसा नहीं होता तो दिल्ली की जनता आम आदमी पार्टी को अगले विधानसभा चुनाव में सत्ता से बाहर कर सकती थी। देशकाल परिस्थिति और पार्टी के भविष्य को ध्यान में रखते हुए ही केजरीवाल ने न सिर्फ इस्तीफा दिया बल्कि उन्हें अपना उत्तराधिकारी चुनने को भी मजबूर होना पड़ा। अब स्थिति यह है कि देश की सबसे युवा महिला मुख्यमंत्री का रिकार्ड कायम करने वाली आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बन गयी हैं। हालांकि यहां गौरतलब है कि मुख्यमंत्री आतिशी को पूरे पांच साल के लिए नहीं, बल्कि महज पांच महीने का कार्यकाल मिला है और पद संभालने के बाद उनके समक्ष चुनौतियों का पहाड़ दिख रहा है। साफ है कि 10 साल बाद दिल्ली को मिली महिला मुख्यमंत्री आतिशी के पास काम करने और खुद को साबित करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल रहा है। वहीं दूसरी ओर उन्हें ‘डमी सीएम’ की भी संज्ञा से नवाजा जा रहा है।

इस सबसे इतर आम आदमी पार्टी, जिसने स्वयं को ‘खांटी ईमानदार’ और ‘संस्थागत भ्रष्टाचार’ के खिलाफ बताते हुए चुनावी राजनीति में न सिर्फ कदम रखा बल्कि पहली ही बार में केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली में सत्ता का स्वाद भी चख लिया लेकिन कालांतर में दिल्ली में हुए कथित आबकारी घोटाले में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया सहित आम आदमी पार्टी के कई नेताओं को जेल यात्राएं करनी पड़ी। बाद में मुख्यमंत्री केजरीवाल को भी तिहाड़ का मुंह देखना पड़ गया। हालांकि आप इसे केन्द्र में सत्तारुढ़ भाजपा का ही षड्यंत्र बताती रही है। लेकिन उसके नेताओं को जेल यात्रा तो करनी ही पड़ी। हाल ही में मुख्यमंत्री रहते जेल में निरुद्ध अरविन्द केजरीवाल को जब लगातार दूसरी बार सशर्त जमानत मिली तब उन्होंने अपनी और पार्टी की छवि को दृष्टिगत रखते हुए इस्तीफा देने का फैसला किया। दरअसल, कोर्ट ने यह जमानत देते समय यह शर्त लगायी थी कि केजरीवाल बतौर मुख्यमंत्री न तो किसी फाइल पर हस्ताक्षर कर सकेंगे और न ही मुख्यमंत्री कार्यालय या सचिवालय ही जा पायेंगे। ऐसे में दोबारा विधानसभा चुनाव में जाने से पहले केजरीवाल के सामने इस्तीफा देने के अलावा और कोई विकल्प शेष भी नहीं रह गया था। उधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री और वहां के एलजी के बीच जो ‘36’ का आंकड़ा है, था और उसके आगे रहने की भी पूरी संभावना है।

खैर, इन सब हालात के बीच आतिशी के सिर ताज तो सज गया लेकिन उन्हें कई छोटी-बड़ी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा। चूंकि दिल्ली विधानसभा के चुनाव नजदीक हैं। ऐसे में उनके पास चुनाव की तैयारी करने के लिए समय कम बचा है। इस अवधि में आतिशी को सबसे पहले आम आदमी पार्टी की छवि पर जो दाग लगा है, उसे धोकर साफ करना होगा, क्योंकि दिल्ली शराब घोटाले में ईडी और सीबीआई की जांच के दौरान भ्रष्टाचार का मामला पार्टी की पूरी टॉप लीडरशिप पर भारी पड़ रही है। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह समेत आम आदमी पार्टी के कई नेता जमानत पर जेल से बाहर निकले हैं। सतेंद्र जैन समेत कुछ नेता दूसरे मामले में जेल जा चुके हैं। साफ है पार्टी के सामने चुनौतियां भी हैं और संकट भी। चूंकि केजरीवाल काफी लम्बे अरसे से जेल में थे। ऐसे में दिल्ली सरकार के तमाम कामकाज फिलहाल ठण्डे बस्ते में पड़े रहे। अब आतिशी को प्राथमिकता पर इन्हें जल्द से जल्द निपटाना होगा। वहीं गौर करने वाली बात यह भी होगी कि दिल्ली के उप राज्यपाल यानि एलजी से उनके संबंध कैसे रहते हैं। हालांकि जैसे हालात अभी तक देखे गए हैं, उससे नहीं लगता कि आतिशी बिना किसी रोकटोक के कामकाज निपटा पायेंगी। वहीं चूंकि विधानसभा चुनाव सिर पर हैं, ऐसे में उन्हें पार्टी और सरकार की ओर से कुछ और लोकलुभावनी घोषणाएं भी करनी पड़ेंगी। साथ ही आतिशी को अपने पूर्ववर्ती अरविंद केजरीवाल की ओर से दिल्ली की जनता से किए वादों को अमलीजामा पहनाना होगा। इनमें 2025 तक यमुना साफ करने, मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत महिलाओं को 1,000 रुपये मानदेय देने, सार्वजनिक सेवाओं को घर-घर पहुंचाने, दिल्ली इलेक्ट्रिक वीकल नीति 2.0 और सौर नीति लागू करने जैसे बड़े वादे शामिल हैं। खैर, आम आदमी पार्टी ने अक्तूबर-नवंबर में चुनाव कराने की मांग की है लेकिन अपने पहले बयान में आतिशी ने संकेत दिए कि उनकी सरकार फरवरी तक का अपना कार्यकाल पूरा करेगी। आतिशी ने कहा, अरविंद केजरीवाल को फिर से फरवरी में होने वाले चुनाव में मुख्यमंत्री बनाना है।

कौन हैं आतिशी!

दिल्ली में अब आम आदमी पार्टी (आप) की नई सरकार ऐक्शन में है। आप की वरिष्ठ नेता आतिशी ने राज निवास में एक समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद आतिशी दिल्ली की नईं मुख्यमंत्री बन गई हैं। उन्होंने तीसरी महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। मुख्यमंत्री बनते ही आतिशी के पास कई चुनौतियां हैं, लेकिन परिस्थितियों से जूझना उनके लिए कोई नई बात नहीं है। पिछली सरकार के कैबिनेट में उनका शामिल होना भी तब हुआ जब पिछले साल केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा आबकारी नीति मामले में उपमुख्यमंत्री और दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के भरोसेमंद मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद सरकार मुश्किल दौर से गुजर रही थी। सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन के इस्तीफे के बाद आतिशी, सौरभ भारद्वाज के साथ दिल्ली सरकार में शामिल हो गईं। 43 वर्षीया आतिशी ने केजरीवाल सरकार में वित्त, राजस्व, शिक्षा और लोक निर्माण विभाग सहित 13 प्रमुख विभागों का नेतृत्व करते हुए शामिल हुईं। आतिशी वर्ष 2013 में आप में शामिल हुईं और वह पर्दे के पीछे रहकर शिक्षा संबंधी नीतियों पर सरकार की सलाहकार के रूप में काम करती रहीं। लेकिन वर्ष 2019 में उन्होंने चुनावी राजनीति में कदम रखा, तब उन्होंने पूर्वी दिल्ली से भाजपा के गौतम गंभीर के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा। लेकिन, वह यह चुनाव हार गईं। वर्ष 2020 में आतिशी ने विधानसभा चुनाव लड़ा और कालकाजी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक बनीं। आतिशी के माता-पिता विजय सिंह और तृप्ता वाही दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर थे। आतिशी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से सर्वोच्च स्थान के साथ इतिहास में स्नातक की डिग्री हासिल की। उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से शिक्षा एवं इतिहास में परास्नातक की डिग्री हासिल की है।

Related Articles

Back to top button