चंद्रबाबू नायडू ला रहे नया कानून, दो से ज्यादा बच्चे वाले ही लड़ सकेंगे स्थानीय निकाय चुनाव
नई दिल्ली: नीति की घोषणा की है, जो राज्य में बढ़ती उम्रदराज आबादी की समस्या से निपटने के लिए बनाई गई है। नायडू ने इस बात पर जोर दिया है कि दक्षिणी राज्यों में परिवारों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। उनका मानना है कि इससे आने वाले वर्षों में युवा आबादी को बढ़ावा मिलेगा और जनसांख्यिकीय संतुलन बना रहेगा।
बढ़ती उम्रदराज आबादी की चिंता
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में बढ़ती उम्रदराज आबादी की समस्या को लेकर गहरी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि दक्षिण भारत में प्रजनन दर गिरकर 1.6 पर पहुंच गई है, जो राष्ट्रीय औसत 2.1 से काफी कम है। यह गिरावट भविष्य में गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। नायडू ने उदाहरण देते हुए कहा कि कई देश, जैसे जापान और चीन, इस समस्या का सामना कर रहे हैं, जहां बुजुर्गों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
नई नीति का उद्देश्य
नायडू ने घोषणा की कि सरकार केवल उन लोगों को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने की अनुमति देगी, जिनके पास दो या अधिक बच्चे हैं। इस नए कानून का उद्देश्य परिवारों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा, “इससे युवा पीढ़ी को प्रोत्साहन मिलेगा और आने वाले समय में एक जीवंत जनसंख्या सुनिश्चित होगी।”
युवा पीढ़ी का पलायन
मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि बेहतर अवसरों की तलाश में युवा लोग दक्षिणी राज्यों से पलायन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “आंध्र प्रदेश के कई गांवों में अब केवल बुजुर्ग लोग ही बचे हैं। युवा पीढ़ी शहरों की ओर चली गई है, जिसके कारण गांवों में जनसंख्या का संतुलन बिगड़ रहा है।” यह पलायन केवल आंध्र प्रदेश तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे दक्षिण भारत में इस समस्या का सामना किया जा रहा है।
भविष्य की चुनौतियाँ
नायडू ने चेताया कि यदि प्रजनन दर में गिरावट जारी रही, तो 2047 तक गंभीर वृद्धावस्था समस्या उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने कहा, “हमें इस स्थिति से निपटने के लिए कदम उठाने होंगे। यदि हम इसे नजरअंदाज करते हैं, तो इसके परिणाम भयानक हो सकते हैं।” इस नीति के माध्यम से नायडू का उद्देश्य न केवल राजनीतिक, बल्कि सामाजिक पहलुओं पर भी प्रभाव डालना है।
सामाजिक जागरूकता
मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की है कि वे इस दिशा में सहयोग करें और जनसंख्या के संतुलन को बनाए रखने में योगदान दें। उन्होंने कहा, “हम सभी को मिलकर काम करना होगा ताकि हम अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकें।” नायडू की यह नई नीति न केवल चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करेगी, बल्कि समाज में परिवारों के आकार को भी प्रभावित करने का प्रयास करेगी। आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की यह नई जनसंख्या नीति सामाजिक और राजनीतिक दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह एक ऐसा कदम है जो न केवल वर्तमान समस्याओं का समाधान खोजने का प्रयास कर रहा है, बल्कि आने वाले समय में भी जनसंख्यात्मक संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है। नायडू का मानना है कि सही दिशा में उठाए गए कदम ही भविष्य में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।