झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड : अब तक 10 बच्चों की मौत, 16 घायल, डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने दिए जांच के आदेश
झांसी: जहां उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में बीते शुक्रवार को रात महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 बच्चों की मौत हो गई। वहीं आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक वरिष्ठ अधिकारियों के एक दल के साथ झांसी पहुंचे हैं। वहीं इस अग्निकांड पर UP के डिप्टी CM ब्रजेश पाठक ने कहा कि, फरवरी में फायर सेफ्टी ऑडिट हुआ था। जून में यहां मॉक ड्रिल भी हुई थी। ये घटना कैसे हुई और क्यों हुई, इस बारे में जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। अब तक 7 नवजात शिशुओं के शवों की पहचान कर ली गई है, वहीं 3 शवों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। इसके साथ ही नवजात शिशुओं के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
इसके साथ ही पाठक ने कहा कि, घटना की जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। स्थानीय प्रशासन को 24 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। वहीं 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई है, 7 की पहचान हो गई है, 3 की पहचान अभी बाकी है। यदि आवश्यक हुआ तो डीएनए परीक्षण किया जाएगा। प्रथम दृष्टया यह ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के अंदर शॉर्ट सर्किट प्रतीत होता है। हम लापता नवजात शिशुओं के लिए एक हेल्पलाइन नंबर स्थापित करेंगे। मैं स्वयं स्थिति की निगरानी कर रहा हूं और हम प्रभावित परिवार के साथ हैं।
#WATCH | Jhansi Medical College tragedy | UP Deputy CM Brajesh Pathak says, " Instructions have been given to probe the incident…local administration has been asked to submit the probe report within 24 hours. 10 newborns have died, 7 have been identified, 3 are yet to be… pic.twitter.com/4x7lAPLypQ
— ANI (@ANI) November 16, 2024
वहीं मामले पर बीजेपी विधायक राजीव सिंह पारीछा ने कहा कि यह बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। इस आग में 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई, करीब 35 नवजात शिशुओं को अब तक बचा लिया गया। डॉक्टर घायल नवजात शिशुओं का सर्वोत्तम इलाज कर रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के संपर्क में हैं। प्रथम दृष्टया आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट लगी है ऐस प्रतित हो रहा है।
मिली जानकारी के अनुसारबीते शुक्रवार को रात साढ़े दस से 10 बजकर 45 मिनट के बीच नवजात शिशु देखभाल इकाई (एनआईसीयू) के एक हिस्से में संभवत: शार्ट सर्किट से आग लग गयी। यहां बाहर वाले हिस्से में जो बच्चे थे उनमें से लगभग सभी को बचा लिया गया है, लेकिन अंदर वाले हिस्से से 10 बच्चों के मारे जाने की सूचना मिली है। बचाव कार्य जारी है, अग्निशमन दल और राहत-बचाव टीम द्वारा कई बच्चों को बचा लिया गया। वहीं झुलसे बच्चों का उपचार जारी है और जो गंभीर रूप से घायल हैं, उनकी सूचना एकत्र की जा रही है।
खबर है कि NICU के अंदरूनी हिस्से में करीब 30 बच्चे थे और उनमें से अधिकतर को बचा लिया गया। एनआईसीयू में आग से उसके गलियारे में धुआं भर गया। वीडियो में दिखा है कि बचाव और राहत कार्यों में मदद के लिए दमकल कर्मियों ने कुछ कांच की खिड़कियां तोड़ दीं। मेडिकल कॉलेज से सामने आए दृश्यों में मरीज और उनके तीमारदार घबराए हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी बचाव और राहत कार्यों में मदद कर रहे हैं।
फिलहाल इस घटना की जांच के लिए एक समिति मंडलायुक्त और पुलिस उपमहानिरीक्षक के नेतृत्व में बनाई गयी है।दमकल विभाग की छह गाड़ियों को भेजा गया और अब आग पर काबू पा लिया गया है। उन्होंने बताया कि वार्ड में 47 नवजात शिशु भर्ती थे। इस घटना बाबत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे का संज्ञान लेकर अधिकारियों को राहत और बचाव का निर्देश दिया। झांसी पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक संक्षिप्त बयान में कहा कि अग्निशमन दल को मौके पर भेजा गया, जबकि जिले के वरिष्ठ अधिकारी भी मेडिकल कॉलेज पहुंच गए हैं।
आदित्यनाथ ने ”एक्स” पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में घटित दुर्घटना में हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद एवं हृदयविदारक है।” योगी ने पोस्ट में कहा, ‘‘जिला प्रशासन तथा संबंधित अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों को संचालित कराने के निर्देश दिए हैं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को सद्गति एवं घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।”