गंभीर श्रेणी में दिल्ली की वायु गुणवत्ता, स्कूलों में मास्क लगाना अनिवार्य!
नई दिल्लीः दिल्ली की हवा अब जानलेवा हो गई है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों के सांस लेना दम घोटूं है। दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर प्राथमिक कक्षाएं ऑनलाइन करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद कई स्कूल 6वीं और उससे ऊपर की कक्षा के छात्रों की सुरक्षा के लिए उपाय कर रहे हैं, जिन्हें ऑफलाइन कक्षाएं करनी हैं। वहीं द्वारका में ITL पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल सुधा आचार्य ने कहा कि स्कूल आने वाले छात्रों के लिए हमने गाइडलाइन जारी की है। स्कूल में खुली जगह पर होने वालीं गतिविधियों पर रोक लगा दी है। हम इनडोर गतिविधियों जैसे पढ़ना, पेंटिंग, क्राफ्टिंग और शतरंज और कैरम जैसे खेलों को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
गंभीर श्रेणी में दिल्ली की वायु गुणवत्ता
आचार्य ने स्कूल प्रबंधन को सलाह दी है कि जिसमें ‘कारपूलिंग’, पर्याप्ता मात्रा में पानी पीने और ‘एंटीऑक्सीडेंट’ से भरपूर आहार के सेवन जैसे उपायों के बारे में बताया गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के तहत तीसरे चरण के उपाय लागू किए हैं, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में लगातार दो दिन से वायु गुणवत्ता “गंभीर” श्रेणी में बनी हुई है।
ऑनलाइन आयोजित की जाएंगी कक्षाएं
शुक्रवार यानी आज से सुबह 9 बजे शहर की AQI 411 पर पहुंच गई। जो गंभीर हो चुकी स्थिति को दर्शाता है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर घोषणा की कि सभी स्कूलों में पांचवीं तक की सभी कक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की जाएंगी। द्वारका में इंद्रप्रस्थ इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य राजीव हसीजा ने कहा कि शिक्षक ऑनलाइन पढ़ाई को प्रभावी ढंग से सुविधाजनक बनाने के लिए पूर्ण पाठ्यक्रम से लैस माइक्रोसॉफ्ट टीम सॉफ्टवेयर और स्मार्टबोर्ड का उपयोग कर रहे हैं।
खुले में सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध
उन्होंने कहा कि माध्यमिक कक्षा के छात्रों के लिए विशेष रूप से सुबह 10 बजे से पहले की सभी बाहरी गतिविधियों को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारा परिसर हरा-भरा रहे और पेशे से चिकित्सक अभिभावकों से छात्रों के लिए स्वस्थ आहार के सुझाव भी ले रहे हैं। इसके अलावा, हम परिवारों को भाप लेने जैसे घरेलू उपचारों को अपनाने की सलाह दे रहे हैं।