गर्भधारण के समय तनाव, शिशु पर पड़ सकता है बुरा प्रभाव
एजेन्सी/ लॉस एंजिलिस : एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि यदि गर्भधारण के समय माताएं तनाव में रहती हैं तो, प्रसव के वक्त उनके बच्चे का वजन सामान्य से कम होता है।
अमेरिका में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि सुबह उठने पर तनाव झेलने पर ज्यादातर लोगों के शरीर में कोर्टिसोल तनावग्रस्त होने पर शरीर की ओर से स्रावित हार्मोन की मात्रा ज्यादा होती है और वह स्तर दिन भर में कम होता है।
उनका कहना है, ऐसे कुछ लोगों में सुबह कोर्टिसोल का स्तर तो कम होता है और दिन भर में उसका क्षरण सामान्य से कम मात्रा में होता है।
इस नए अध्ययन में 142 महिलाओं का विशलेषण किया गया है जो कम्युनिटी चाइल्ड हेल्थ नेटवर्क द्वारा किए जा रहे विस्तृत अध्ययन का हिस्सा थीं। अध्ययन में यह देखा जा रहा था कि नए अभिभावकों और उनके बच्चों पर तनाव का क्या असर होता है।
उन्होंने बताया, अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि तनाव में रहने वाली महिलाओं में सामान्य से कम वजन वाले बच्चों को जन्म देने की आशंका रहती है। यह पहला साक्ष्य है कि गर्भधारण से पहले भी माता में कोर्टिसोल का स्तर बच्चे के वजन पर प्रभाव डालता है।
विश्वविद्यालय के क्रिस्टिन गुआर्डिनो ने बताया, ‘हमने पाया कि जो कोर्टिसोल पैटर्न जो कॉर्निक तनाव के साथ जुड़ा है, वही जन्म के वक्त कम वजन वाले बच्चों के साथ भी है।’