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राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के चुनाव पर उठे विवाद के बाद हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस

जोधपुर : राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के चुनाव को लेकर एक बड़ा विवाद सामने आया है, जिसमें वकीलों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई है। यह मामला उस फैसले से जुड़ा है, जिसमें एसोसिएशन के चुनाव को हर साल की बजाय अब दो साल में एक बार कराने का प्रस्ताव पारित किया गया। इस फैसले के खिलाफ वकीलों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर चीफ जस्टिस की बैंच ने बार काउंसिल और एडवोकेट एसोसिएशन को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी।

यह याचिका एडवोकेट सुनील व्यास द्वारा दायर की गई है, जिन्होंने आरोप लगाया कि 24 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसले का उल्लंघन किया गया है, जिसमें हर साल दिसंबर के दूसरे शुक्रवार को चुनाव कराने का निर्देश था। याचिका में यह भी कहा गया कि एसोसिएशन के चुनाव में नियमों के खिलाफ संशोधन किया गया है, जिसके तहत चुनाव अब दो साल में एक बार करवाने का प्रस्ताव पारित किया गया।

आवश्यक नियमों के अनुसार, एडवोकेट एसोसिएशन के चुनाव हर साल दिसंबर के दूसरे शुक्रवार को संपन्न होते हैं, और इस साल का दूसरा शुक्रवार 13 दिसंबर को है। लेकिन, एसोसिएशन के वर्तमान अध्यक्ष ने बिना सही कोरम के साधारण सभा बुलाकर चुनावों को दो साल में कराने का प्रस्ताव पारित कर दिया। यह मीटिंग में केवल 2500 सदस्य ही उपस्थित थे, जबकि एसोसिएशन में कुल 5,000 सदस्य हैं। यह भी आरोप है कि बिना कोरम पूरा किए, गैर-कानूनी तरीके से एक साल का कार्यकाल बढ़ाया गया है, जो कि कंटेप्ट ऑफ कोर्ट की श्रेणी में आता है।

राजस्थान एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रतना राम ठोलिया ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें कोई नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि एसोसिएशन की कार्यकारिणी ने 16 अप्रैल को साधारण सभा में प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें अगले चुनाव दो साल में करवाने का निर्णय लिया गया था। उनका कहना था कि यदि किसी को इस प्रस्ताव पर आपत्ति थी, तो संशोधन से पहले आपत्ति दर्ज करवाई जानी चाहिए थी।

इसी बीच, राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच ने 13 दिसंबर को वार्षिक चुनावों की घोषणा कर दी है। यह चुनाव उसी तारीख को होंगे, जिस दिन एसोसिएशन के चुनाव का विवाद उठने के बावजूद अन्य बार एसोसिएशनों के चुनाव भी संपन्न होंगे। 1944 से हर साल हो रहे चुनावों में अब तक तीन बार चुनाव दो साल में किए गए हैं, जिनमें 2016-17 का चुनाव 2018 में और कोविड के कारण 2019-20 का चुनाव 2021 में हुआ था।

यह मामला राजस्थान के वकील समुदाय में एक बड़े विवाद का रूप ले चुका है, जिसमें चुनावी प्रक्रिया और एसोसिएशन के संविधान में किए गए बदलावों को लेकर गहरी असहमति देखी जा रही है। अब देखने वाली बात यह होगी कि हाईकोर्ट इस मामले में आगे क्या फैसला करता है।

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