मुंबई : उत्तराखंड के रूड़की में से हैरान करने वाला मामला सामने आ रहा है। दरअसल, रूड़की के जौरासी ग्राम में एक मुस्लिम व्यक्ति ने हिन्दू धार्मिक स्थल को अपवित्र किया है। बताया जाता है कि रविवार को दोपहर के वक्त रुड़की थाना क्षेत्र के जौरासी गांव में एक मंदिर में शिवलिंग (Shivalinga) पर खून पाए जाने के बाद इलाके में तनाव फैल गया। आरोप है कि दोपहर लगभग 3.30 बजे आरोपी इलियास कुरैशी ने महादेव मंदिर में स्थापित शिवलिंग पर खून लगा दिया। इसके बाद इलाके में जैसे ही यह खबर फैली कि आरोपी इलियास ने शिवलिंग को अपवित्र कर दिया है, हिंदू समुदाय के लोग आक्रोशित हो गए। आलम यह कि इलाके में फोर्स तैनात कर दी गई है।
आरोपी जौरासी गांव का ही निवासी बताया जाता है। आरोपी की उम्र 40 साल है। रुड़की थाने में शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने इलियास को गिरफ्तार कर लिया है। इलियास पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 298 (धर्म का अपमान करने की नीयत से पूजा स्थल को नुकसान पहुंचाना या अपवित्र करना) की धाराओं में केस दर्ज हुआ है।
जौरासी गांव के निवासी और ग्राम सभा के सदस्य शिकायतकर्ता अंकित सैनी ने कहा कि 1 दिसंबर को दोपहर 3.30 बजे के आसपास इलियास कुरैशी ने जानबूझकर महादेव मंदिर में स्थापित शिवलिंग पर खून लगाया। आरोपी ने शिवलिंग को अपवित्र किया जिससे हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। आरोपी ने गांव में माहौल खराब करने की कोशिश की है। आरोपी को शिवलिंग पर खून लगाते वक्त गांव के आशीष सैनी, सुमित, विशाल, दौलत ने पकड़ लिया।
शिकायतकर्ता अंकित सैनी ने कहा कि आरोपी ने कृत्य स्वीकार कर लिया है। ऐसे में उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। वहीं रुड़की थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह बिष्ट ने इस घटना पर कहा कि ग्राम सभा सदस्य की शिकायत पर केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में आरोपी ने बताया है कि वह हिन्दू मंदिरों में जाता है। लेकिन, जांच टीम को उसकी हरकतें संदिग्ध लग रही हैं। ऐसा लग रहा है कि शिवलिंग पर जानबूझकर खून डाला गया था।
रुड़की थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि जांच टीम वारदात की छानबीन कर रही है। गांव में दोनों समुदायों की बैठक हुई है। लोगों ने फैसला किया है कि आरोपी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। बता दें कि इसी साल जुलाई महीने में हरिद्वार जिला पुलिस ने विक्रेताओं, भोजनालयों, ढाबा, रेस्तरां और होटल मालिकों को अपने दुकानों या प्रतिष्ठानों पर दुकानदार या मालिक का नाम लगाने का निर्देश जारी किया था जिस पर काफी विवाद हुआ था। यह मामला भी पूरे देश में सुर्खियों में रहा था।