अन्तर्राष्ट्रीय

दिल्ली के सीरियाई दूतावास पर विद्रोहियों का झंडा, असद की विदाई के बाद बदला गया राष्ट्रीय ध्वज

नई दिल्ली : सीरिया में तख्तापलट के बाद अब राष्ट्र की निशानियां बदलने की कवायद भी शुरू हो गई है. दिल्ली में स्थित सीरिया के दूतावास ने अपना राष्ट्रीय ध्वज उतार दिया है. सीरियाई दूतावास ने अब राष्ट्रीय झंडे की जगह विद्रोहियों का झंडा लगा लिया है. दूतावास के इस कदम से पता चलता है कि भारत में सीरिया के राजनयिकों ने विद्रोही गुट की सरकार को मान्यता दे दी है.

दिल्ली में सीरियाई दूतावास ने अब हरा-सफेद-काला और लाल रंग वाले झंडे को अपना लिया है. बता दें कि कभी यह झंडा विद्रोहियों का प्रतीक हुआ करता था, जो सीरिया का राष्ट्रीय ध्वज बनता नजर आ रहा है.

विद्रोहियों के झंडे में क्या सिंबल?
हरा: आशा और आजादी का प्रतिनिधित्व करता है.
सफेद: शांति और अच्छे भविष्य का प्रतीक.
काला: सीरियाई लोगों ने जो मुश्किलें सही उसे दर्शाता है.
तीन लाल सितारे: सीरियाई क्रांति के बारे में बताते हैं.

बता दें कि नए झंडे का डिजाइन पुराने झंडे से अलग है. पुराने झंडे में दो हरे सितारे थे, जो यूनाइटेड अरब रिपब्लिक के तहत सीरिया और मिस्र के संघ का प्रतीक थे. सत्ता परिवर्तन और नए झंडे को अपनाए जाने से सीरिया के लोगों में जश्न का माहौल नजर आ रहा है. बर्लिन, इस्तांबुल और एथेंस जैसे शहरों में भी सीरिया के विद्रोही गुट के समर्थक नए झंडे को लहराते हुए नजर आ रहे हैं.

दिल्ली के सीरियाई दूतावास में झंडा बदल जाने के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है कि वहां की राजनीतिक पहचान बदल चुकी है. हालांकि, इस बदलाव के बाद यह सवाल भी खड़ा हो गया है कि भारत जैसे देश सीरिया की नई सरकार के साथ अपने कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों को कैसे व्यवस्थित करेंगे.

दरअसल, सीरिया के विद्रोहियों ने बशर अल असद का किला ढहा दिया है. वह देश छोड़कर रूस में शरण ले चुके हैं. विद्रोहियों ने 27 नवंबर को सीरिया पर पहला किया था और 11 दिनों में पूरी बाजी पलटते हुए दमिश्क पर कब्जा कर लिया. इस दौरान होम्स से लेकर इदलिब, अलेप्पो, हमा, दर्रा और राजधानी दमिश्क तक में विद्रोही गुटों ने अपना झंड़ा गाड़ दिया.

Related Articles

Back to top button