नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को अपने 32 घंटे लंबे धरने का बचाव करते हुए कहा कि संविधान मुख्यमंत्री को आंदोलन करने से नहीं रोकता है। छत्रसाल स्टेडियम में गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अपने संबोधन में केजरीवाल ने कहा ‘‘केंद्र सरकार मेरे प्रदर्शन को संविधान के खिलाफ बता रही है। लेकिन ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसमें कहा गया हो कि मुख्यमंत्री धरने पर नहीं बैठ सकता।’’ केजरीवाल ने कहा कि यह पहला मौका है जब किसी मुख्यमंत्री ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए धरना दिया लेकिन केंद्र सरकार ने निषेधाज्ञा लगाकर सिद्ध कर दिया कि वे इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं हैं। उन्होंने कहा ‘‘यदि महिलाओं की सुरक्षा के लिए फिर आंदोलन करना पड़े तो मैं नहीं हिचकूंगा।’’ इस विरोध प्रदर्शन के दौरान राजधानी में कई जगहों पर आम आदमी पार्टी और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केजरीवाल के खिलाफ संवैधानिक पद पर रहते हुए कानून का उल्लंघन करने के लिए कार्रवाई करने की मांग को लेकर दायर एक पीआईएल पर नोटिस जारी किया। संवैधानिक महत्व के प्रश्न के सवाल पर अदालत ने केंद्र व दिल्ली सरकार को जवाब देने के लिए छह सप्ताह का समय दिया है। निषेधाज्ञा लागू करने से संबंधित दो प्रश्नों पर अदालत ने 31 जनवरी तक जवाब मांगा है।