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पंजाब : सीएम आवास घेरने जा रहे कौमी इंसाफ मोर्चा को पुलिस ने रोका, आंसू गैस के गोले दागे

चंडीगढ़ : सजा पूरी होने के बाद भी जेलों में बंदी सिखों की रिहाई की मांग पर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच मंगलवार दोपहर में आईएसबीटी-43 के सामने हाईवे के बीच धरना लगाकर बैठने पर तनाव हो गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर खूब लाठियां बरसाईं और इन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। मौके पर ही काफी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। लेकिन इसी बीच पहले से तैयार निहंगों का एक जत्था बीच में कूद पड़ा जिन्होंने पुलिस पर तलवारों व कृपाण आदि से हमला कर दिया।

पुलिस इंस्पेक्टर जयवीर राणा व एक अन्य एएसआई के सिर में तलवार लगने से वह लहूलुहान हो गए जबकि तीन-चार जवानों को भी चोटें आईं जिन्हें जीएमएसएच-16 में ले जाया गया। दरअसल, चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर 7 जनवरी 2023 से कौमी इंसाफ मोर्चे का प्रदर्शन चल रहा है। इस मोर्चे की मांग है कि देश के जेलों में बंद उन सिखों को रिहा किया जाए, जो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं।

इसके अलावा मोर्चे द्वारा लगातार श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों को सजा देने की भी मांग की जा रही है। 23 नवंबर 2024 को मोर्चे पर हुई पंचायत के दौरान 7 जनवरी को दो साल पूरा होने पर चंडीगढ़ स्थित पंजाब सीएम आवास का घेराव करने का एलान कर दिया गया था। इसी कारण मंगलवार को मोर्चे पर सीएम आवास कूच करने की तैयारी की गई थी। मोहाली के वाईपीएस चौक पर सुबह दस बजे कौमी इंसाफ मोर्चा के सदस्य चंडीगढ़ स्थित सीएम भगवंत मान की कोठी का घेराव करने के लिए इकट्ठे होने शुरू हो गए। इस दौरान पुलिस के पुख्ता इंतजाम देख इन्होंने रणनीति बदली और पुलिस को छकाते हुए काफी सदस्य धरनास्थल के पीछे चंडीगढ़ पुलिस के बैरिकेड की ओर निकल पड़े।

चंडीगढ़ पुलिस ने पहले ही मोर्चे पर पांच लेयर की सुरक्षा लगाई हुई थी ताकि प्रदर्शनकारी चंडीगढ़ में एंट्री ही न कर सकें। लेकिन पुलिस की नजरों से बच-बचाते एक जत्था पहले ही मोर्चे से बाहर आ चुका था और वह प्रदर्शन करते हुए सेक्टर-43 बस स्टैंड के सामने पहुंच गया। पुलिस ने इस जत्थे को यहीं रोक लिया, जिसके चलते इन लोगों ने हाईवे के बीच में बैठकर नारेबाजी करनी शुरू कर दी। इस दौरान मोहाली व पंजाब की ओर जाने वाला सारा ट्रैफिक रुकने से जाम लग गया।

पुलिस ने हाईवे के बीच में बैठे प्रदर्शनकारियों को कई बार उठने के लिए कहा लेकिन वह नहीं माने। पुलिस ने इन लोगों को जबरन हाईवे से उठाना शुरू किया, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पुलिस ने लाठीचार्ज किया। लाठीचार्ज की सूचना पाते ही निहंगों का एक जत्था मौके पर पहुंच गया और निहंगों ने पुलिस पर तलवारों से हमला करते हुए ईंटें व पत्थर भी बरसाने शुरू कर दिए। मौके पर तैनात सेक्टर-11 थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर जयवीर राणा सहित एएसआई रमेश कुमार के सिर में तलवार लगी और वह लहूलुहान हो गए। जबकि तीन अन्य जवानों को भी लाठीचार्ज व तलवारें चलने के दौरान चोटें आईं।

पुलिस इन घायल जवानों को तुरंत सेक्टर-16 जीएमएसएच में लेकर पहुंची जहां इनका इलाज करवाया गया। इंस्पेक्टर जयवीर राणा व एएसआई के सिर में कई-कई टांके लगे हैं। पुलिस ने दो बसों में 50 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया और उन्हें थाने में ले जाया गया। हालांकि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान यूटी पुलिस के आईजी राजकुमार सिंह के अलावा एसएसपी कंवरदीप कौर सहित करीब ढाई हजार पुलिस सहित अन्य फोर्सेज के जवानों को यहां तैनात किया गया था।

सेक्टर-43 बस स्टैंड के बाहर जत्थेबंदियों पर लाठीचार्ज की सूचना पाते ही चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर लगाए गए कोमी इंसाफ मोर्चा पर तैनात सैकड़ों निहंगों व प्रदर्शनकारियों ने भी पुलिस द्वारा लगाए गए बेरिकेड्स को हटाना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के बेरिकेड्स को धक्के मारे और चंडीगढ़ कूच करने का प्रयास किया। लेकिन यहां भी पहले से तैनात चंडीगढ़ पुलिस ने बिना किसी देरी के प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन का प्रयोग करते हुए पानी की बोछारें मारनी शुरू कर दी।

यहां तैनात रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों ने इन लोगों पर आंसू गैस के गोले दागे जिससे कुछ लोग जख्मी भी हो गए। निहंगों द्वारा बेरीकेड्स गिराने की सूचना पाते ही सेक्टर-43 घटनास्थल पर मौजूइ पुलिस फोर्स बसों व अन्य गाड़ियों में भरकर तुरंत मोर्चे पर पहुंची और स्थिति को संभाला। हालांकि यहां पुलिस द्वारा बेरीकेडिंग के अलावा पहले ही मिट्टी से भरे टिप्परों को सड़क के बीच में खड़ा कर रास्ता बंद किया गया था और लाठीचार्ज के लिए रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात किया गया था। इस पूरी कार्रवाई के दौरान यूटी पुलिस के आईजी व एसएसपी खुद मौके पर तैनात रहीं।

कोमी मोर्चा के प्रमुख सदस्य एवं निहंग जत्थेदार राजा राज सिंह ने कहा कि कुछ शरारती तत्वों ने माहौल खराब करने का काम किया। दो जत्थे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, जिन पर पुलिस ने लाठीचार्ज करने के अलावा उन पर आंसू गैस के गोले दागे। निहंग सिखों पर वाटर कैनन से ठंडे पानी की बोछारें मारी गई। पुलिस व प्रशासन के इस बर्ताव की कतई उम्मीद नहीं थी। 25 जनवरी को कोमी मोर्चे पर महापंचायत बुलाई है जिसमें देशभर की जत्थेबंदियों को बुलाया जाएगा और बंदी सिखों की रिहाई को लेकर फैसला लिया जाएगा।

करीब साढ़े 11 बजे प्रदर्शनकारियों द्वारा आईएसबीटी-43 के सामने सड़क के बीच में बैठकर प्रदर्शन करने के दौरान पुलिस ने कजहेड़ी चौक पर ही बेरीकेड्स लगाकर ट्रैफिक की आवाजाही काे बंद कर दिया गया था। इसके अलावा कजहेड़ी चौक से मोहाली मोर्चे की ओर जाने वाली सड़कों को भी पुलिस ने बंद कर दिया था। इस दौरान वाहन चालकों के अलावा आमजन को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़।

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