अन्तर्राष्ट्रीय

ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के लिए चंदा देने की होड़, आयोजन समिति ने अब तक जुटाए 170 मिलियन डॉलर

वासिंगटन : अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह को लेकर तैयारियां तेजी से चल रही हैं। बड़े-बड़े अरबपति, कारोबारी और तकनीकी विशेषज्ञ इस समारोह में अपनी सहभागिता के साथ आर्थिक सहयोग भी कर रहे हैं। समारोह के लिए चंदा देने की होड़ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के लिए आयोजन समिति को अब तक 170 मिलियन डॉलर का चंदा मिल चुका है। जोकि एक रिकॉर्ड है। इस चंदे के लिए अमेरिका के बड़े-बड़े कारोबारियों और हस्तियों ने बड़े चेक लिखे हैं। व्यक्तिगत तौर पर चंदा वसूलने वाले एक व्यक्ति ने समारोह के लिए अब तक मिले चंदे की पुष्टि की। उसने कहा कि आयोजन समिति को उम्मीद है कि वह समारोह होने तक 200 मिलियन डॉलर चंदा जुटा लेगी। हालांकि वह सार्वजनिक तौर पर इस बारे में बात नहीं कर सकता है। वहीं आयोजन समिति ने भी इसे दावे पर कोई जवाब नहीं दिया। साथ ही यह जानकारी भी नहीं दी गई है कि वह चंदे को कैसे खर्च करेगी।

अमेरिका के नियमों के मुताबिक व्यक्तिगत चंदे से मिली रकम का उपयोग आमतौर पर शपथ ग्रहण समारोह किया जाता है। इसमें शपथ ग्रहण समारोह से जुड़ी लागतें, परेड और शानदार उद्घाटन समारोह। बताया जाता है कि आयोजन समिति समारोह के बाद बचने वाले पैसे का उपयोग ट्रंप राष्ट्रपति पुस्तकालय में करेगी। अमेरिकी चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के मुताबिक ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह की आयोजन समिति ने अब तक सबसे ज्यादा चंदा जुटाया है। यह चार साल पहले राष्ट्रपति जो बाइडन को मिले चंदे के दोगुने से भी अधिक है। बाइडन को लगभग 62 मिलियन डॉलर चंदा मिला था। वहीं 2016 में ट्रंप के प्रथम शपथ ग्रहण समारोह में भी लगभग 107 मिलियन डॉलर का चंदा प्राप्त हुआ था, जिसने एक रिकार्ड स्थापित किया था।

नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप और कांग्रेस के दोनों सदनों में रिपब्लिकन के नियंत्रण के बाद तकनीकी कंपनियां सहित प्रमुख लोग बड़े चेक लिख रहे हैं। ताकि वे नए राष्ट्रपति के साथ अपने संबंध सुधार सकें। फेसबुक और इंस्टाग्राम की मूल कंपनी मेटा और अमेजन ने पिछले महीने कहा था कि वे ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के कोष में एक मिलियन डॉलर का चंदा देंगे। ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने भी कहा कि एक मिलियन डॉलर का चंदा देने की बात कही थी।

Related Articles

Back to top button