एजेन्सी/ नई दिल्ली। यदि आप के घर के आस-पास सुअर पाये जाते हैं, या फिर सुअर पालन होता है, तो आज ही सावधान हो जाइये, क्योंकि इबोला का नया वर्जन आ चुका है। प्राकृतिक रूप से म्यूटेशन की प्रक्रिया के तहत इबोला फैमिली के नये वायरस रेस्टॉन का पता चला है, जो इंसानों के लिये खतरनाक हो सकता है।
लंदन की केंट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि ये वायरस एशियाई सुअरों में पाया जाता है। इबोला फैमिली का यह वायरस तब इंसान पर अटैक कर सकता है, जब वह संक्रमित सुअर के संपर्क में या आस-पास आयेगा। इससे होने वाली बीमारी इतनी खतरनाक होती है, कि कुछ ही दिनों में संक्रमित व्यक्ति की मौत हो सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर संक्रमित सुअर का मीट बाजार में बेचा गया, तो उससे तमाम लोग एक साथ बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
इबोला के इस इबोला से कैसे निबटेगा भारत? सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर भारत में यह नया वायरस फैला तो सरकार कैसे इससे निबटेगी, क्योंकि देश के लगभग सभी टू एवं थ्री टियर शहरों में सुअरों की संख्या बहुत ज्यादा है। तमाम शहर हैं, जहां सड़कों पर सुअर घूमते हैं, जिन पर कोई नियंत्रण नहीं है। ऐसे में बीमारी के फैलने का खतरा ज्यादा है।