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वक्फ बिल पर बनी समिति जेपीसी की रिपोर्ट राज्यसभा में पेश की, सदन में भारी हंगामा

नई दिल्ली : वक्फ (संशोधन) बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट गुरुवार को राज्यसभा में पेश कर दिया गया। बिल के पेश होते ही सदन में जोरदार हंगामा शुरू हो गया। विपक्षी दलों ने नारेबाजी की और सरकार पर वक्फ बोर्डों को कमजोर करने का आरोप लगाया। बढ़ते हंगामे के चलते सभापति को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। गौरतलब है कि इससे पहले 31 जनवरी को जेपीसी ने अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपी थी, जिसे समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने व्यक्तिगत रूप से संसद भवन में प्रस्तुत किया।

समिति ने अपनी रिपोर्ट 15-11 के बहुमत से पारित की, जिसमें सांसदों द्वारा सुझाए गए बदलाव शामिल किए गए। इन बदलावों को लेकर विपक्षी दलों ने तीखी आपत्ति जताई और सरकार पर वक्फ बोर्डों की स्वायत्तता पर हमला करने का आरोप लगाया। विपक्षी सदस्यों ने असहमति पत्र (डिसेंट नोट) भी सौंपे, जिसमें कहा गया कि सरकार एकतरफा ढंग से इस बिल को आगे बढ़ा रही है।

विपक्ष का कहना है कि यह बिल मुस्लिम समुदाय के संवैधानिक अधिकारों पर सीधा हमला है और वक्फ बोर्डों के कामकाज में अनावश्यक दखलंदाजी की जा रही है। वहीं, भाजपा सांसदों ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह बिल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए लाया गया है। उनके मुताबिक, इसमें किसी समुदाय के अधिकारों को कम करने का इरादा नहीं है, बल्कि यह वक्फ संपत्तियों की बेहतर निगरानी और प्रशासनिक सुधार के लिए आवश्यक है।

गौरतलब है कि यह बिल पिछले साल अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया था, जिसके बाद इसे जेपीसी को सौंपा गया था। अब जब समिति की रिपोर्ट पेश हो चुकी है, तो इसे लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। विपक्ष इसे धार्मिक अधिकारों पर हमला बता रहा है, जबकि सरकार इसे प्रशासनिक सुधार के तौर पर पेश कर रही है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह गर्म रहने की उम्मीद है।

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