देहरादून। वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने शनिवार को प्रदेश के नये मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। रावत के साथ पूर्ववर्ती विजय बहुगुणा मंत्रिमंडल में शामिल रहे सभी 11 मंत्रियों ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। यहां राजभवन में आयोजित एक समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, वरिष्ठ कांग्रेस सांसद सतपाल महाराज सहित कई गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी में राज्यपाल अजीज कुरैशी ने रावत तथा उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी।शपथ लेने वाले मंत्रियों में इंदिरा हदयेश, यशपाल आर्य, हरक सिंह रावत, सुरेंद्र सिंह नेगी, प्रीतम सिंह, अमृता रावत, दिनेश अग्रवाल के अलावा सरकार को समर्थन दे रहे प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा के मंत्री प्रसाद नैथानी, प्रीतम सिंह पंवार, हरीश चंद्र दुर्गापाल और सुरेंद्र राकेश शामिल हैं।शपथ ग्रहण समारोह से पहले, उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की भी जिम्मेदारी संभाल रहे यशपाल आर्य ने राज्यपाल कुरैशी से मिलकर उन्हें हरीश रावत के कांग्रेस विधानमंडल दल का नया नेता चुने जाने संबंधी पत्र सौंपा।इससे पहले, आज पार्टी के तीन केंद्रीय पर्यवेक्षकों महासचिव जर्नादन द्विवेदी, उत्तराखंड के पार्टी मामलों की प्रभारी अंबिका सोनी और केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद की मौजदूगी में हुई राज्य कांग्रेस विधानमंडल दल की लगभग पांच घंटे तक चली बैठक में रावत को नया नेता चुना गया।हालांकि, रावत को विधानमंडल दल का नया नेता चुने जाने के दौरान कुछ विरोध के स्वर भी उठे। सूत्रों ने बताया कि पौड़ी से लोकसभा सांसद सतपाल महाराज ने रावत को नया नेता चुने जाने पर ऐतराज जताया। हालांकि बाद में उन्हें मना लिया गया।बाद में, सभी विधायकों ने नये नेता के चुनाव का फैसला पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ते हुए एक पंक्ति का प्रस्ताव पारित कर उन्हें इसके लिये अधिकृत कर दिया। यहां बीजापुर स्टेट गेस्ट हाउस में हुई विधानमंडल दल की बैठक के बाद केंद्रीय पार्टी पर्यवेक्षक द्विवेदी ने घोषणा करते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी विधायकों के अनुरोध पर हरीश रावत को विधानमंडल दल का नेता चुना है। विधानमंडल दल की बैठक के लंबा खिंचने के बारे में पूछे जाने पर द्विवेदी ने बताया कि सोनिया कर्नाटक के दौरे पर थीं और इसलिये उनसे संपर्क करने में विलंब हो गया।
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