पहलगाम हमले से आहत शिक्षक ने छोड़ा इस्लाम, कहा- अब सिर्फ इंसान बनकर जीना चाहता हूं

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हमले में 28 टूरिस्ट्स की बेरहमी से हत्या कर दी गई और कई अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। वे लोग वहां घूमने और सुकून के कुछ पल बिताने आए थे, लेकिन उनके परिवारों को अपनों की लाशें मिलीं। इस दर्दनाक घटना ने पश्चिम बंगाल के एक स्कूल शिक्षक साबिर हुसैन को अंदर तक झकझोर दिया। साबिर हुसैन ने अब इस्लाम धर्म छोड़ने का फैसला लिया है।
‘बार-बार धर्म का इस्तेमाल लोगों को मारने और नफरत फैलाने के लिए किया जाता है’
साबिर हुसैन दक्षिण 24 परगना जिले के बादुरिया इलाके में स्थित निर्माण आदर्श विद्यापीठ में विज्ञान पढ़ाते हैं। साबिर हुसैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह लंबे समय से देख रहे हैं कि कैसे धर्म का इस्तेमाल हिंसा फैलाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “मैं किसी धर्म के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन बार-बार धर्म का इस्तेमाल लोगों को मारने और नफरत फैलाने के लिए किया जाता है। कश्मीर में ऐसा कई बार देखा है और अब मैं इसे सहन नहीं कर सकता।”
कोर्ट में दी अर्जी
उन्होंने अपने इस फैसले को लेकर कानूनी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है और कोर्ट में इस्लाम छोड़ने के लिए आवेदन किया है। उन्होंने कहा कि वे अब सिर्फ एक इंसान के रूप में पहचान बनाना चाहते हैं, किसी धर्म विशेष से नहीं।
परिवार को दी आज़ादी
साबिर ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका यह फैसला पूरी तरह निजी है। उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चों को पूरी स्वतंत्रता दी है कि वे जो भी रास्ता अपनाना चाहें, उन्हें पूरी छूट होगी।साबिर कहते हैं, “मैं ऐसी दुनिया में नहीं रहना चाहता जहां हर चीज़ धर्म के नाम पर हो रही हो। अब समय आ गया है कि इंसानियत को धर्म से ऊपर रखा जाए। पहलगाम में जो हुआ, वह मेरे लिए बहुत बड़ा सदमा था।”