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तुर्किए के बाद ड्रैगन पर भी कड़ा प्रहार, चीन की बड़ी कंपनी से अडानी ग्रुप ने तोड़ा करार

नई दिल्ली: अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड ने चीनी कंपनी ड्रैगनपास के साथ अपना करार समाप्त कर दिया है। इस प्लेटफॉर्म के जरिए एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस सेवाएं दी जाती थीं, लेकिन अब ड्रैगनपास के ग्राहक अडानी द्वारा प्रबंधित एयरपोर्ट लाउंज का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। हालांकि, इस बदलाव का बाकी यात्रियों के लाउंज और यात्रा अनुभव पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

अडानी डिजिटल लैब्स ने की थी साझेदारी
यह कदम अडानी डिजिटल लैब्स द्वारा ड्रैगनपास के साथ साझेदारी करने के एक सप्ताह बाद उठाया गया है। अडानी डिजिटल लैब्स, अडानी ग्रुप की इनोवेशन शाखा है, जो यात्रियों के एयरपोर्ट लाउंज और यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है।

ड्रैगनपास पर डेटा सुरक्षा चिंता
ड्रैगनपास यात्रियों का संवेदनशील डेटा जैसे पासपोर्ट डिटेल्स और यात्रा इतिहास को संभालता है, और चीन की कंपनियों से जुड़ी डेटा शेयरिंग की चिंता पहले से ही बनी हुई है। इस वजह से भारत में चीन, तुर्की और अज़रबैजान की कंपनियों के खिलाफ विरोध बढ़ रहा है।

तुर्की कंपनी पर भारत का एक्शन
इस बीच, भारत सरकार ने तुर्की की हवाई अड्डे की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी को तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया है। बीसीएएस (नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो) के आदेश के बाद दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने सेलेबी कंपनियों के साथ करार को खत्म कर दिया है, जो दिल्ली हवाई अड्डे पर जमीनी रख-रखाव और माल ढुलाई सेवाएं प्रदान कर रही थीं।

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