भारत को सिंधु जल संधि स्थगन से बड़ा फायदा, लोकल बिजली मांग होगी पूरी

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ 1960 में हुई सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था। इस कदम के बाद भारत ने चिनाब नदी पर बने अपने दो प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं – सलाल और बगलिहार डैम – में गाद (सिल्ट) हटाने का काम शुरू किया, जिससे बिजली उत्पादन में 15-20% तक वृद्धि की संभावना जताई गई है।
भारत के दो प्रमुख डैम: सलाल और बगलिहार
सलाल डैम, जिसकी क्षमता 690 मेगावाट है, जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित है। यह चिनाब नदी पर बना भारत का पहला बड़ा हाइड्रो प्रोजेक्ट है। वहीं बगलिहार डैम, 900 मेगावाट क्षमता के साथ, रामबन जिले में स्थित है। इस परियोजना पर पाकिस्तान ने पहले आपत्ति जताई थी, लेकिन वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता के बाद इसे मंजूरी मिली थी। इन दोनों डैमों से जम्मू-कश्मीर को स्थायी बिजली मिलती है और अतिरिक्त ऊर्जा को राष्ट्रीय ग्रिड में भी भेजा जाता है।