ट्रंप के दावे पर थरूर का खंडन, बोले – सीजफायर मध्यस्थता का नतीजा नहीं, सिर्फ द्विपक्षीय संवाद था

नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर के नेतृत्व में एक भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार सुबह विदेश यात्रा पर रवाना हुआ। यह प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया का दौरा करेगा, जहाँ वे पाकिस्तान के ‘काले कारनामों’ और आतंकवाद के प्रायोजन पर भारत के रुख को स्पष्ट करेंगे। इस यात्रा से पहले थरूर ने मीडिया से बातचीत में भारत की विदेश नीति, वैश्विक कूटनीति और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता वाले बयान पर अपनी राय रखी।
थरूर ने ट्रंप के बयान पर किया टिप्पणी-
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के दावे पर शशि थरूर ने स्पष्ट किया कि भारत की विदेश नीति पारदर्शिता और संवाद पर आधारित है, लेकिन इसे ‘मध्यस्थता’ कहना गलत होगा। थरूर ने कहा, “आप हमारी सरकार का रुख बहुत अच्छे से जानते हैं। किसी भी संकट के दौरान उन देशों के साथ हमेशा संपर्क होता है, जो फोन करते हैं और मदद मांगते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि कोई औपचारिक मध्यस्थता की प्रक्रिया हुई है. न ऐसा कोई अनुरोध आया, न ही भारत ने ऐसी कोई पहल की है।” उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि यदि कोई देश भारत को फोन करे और जानकारी साझा की जाए, तो उसे मध्यस्थता नहीं कहा जा सकता। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय विदेश मंत्री सार्वजनिक रूप से उन सभी संपर्कों का खुलासा करते हैं जो उन्हें अन्य देशों से मिलते हैं।
भारत का रुख रहेगा स्पष्ट और एकजुट-
थरूर उन सात संसदीय समूहों में से एक का नेतृत्व कर रहे हैं जिन्हें विभिन्न देशों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब वे विदेश यात्रा पर होंगे, तो वे भारत का स्पष्ट और एकजुट रुख पेश करेंगे। थरूर ने कहा, “यह बेहद अहम है, जब दुनिया भारत को देख रही है, हम सब एक ही पेज पर हों।” उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से दी गई ब्रीफिंग का मकसद भी यही था कि सभी सांसद एक साझा रुख को लेकर आगे बढ़ें। उन्होंने कहा, “हम सब इस भावना के साथ जा रहे हैं कि हम देश की ओर से बोल रहे हैं।”
देश का प्रतिनिधित्व, पार्टी का नहीं-
जब उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस के आंतरिक मतभेद उनके विदेश दौरे को प्रभावित करेंगे, तो थरूर ने स्पष्ट किया कि जब वे अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होते हैं, तब वे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, पार्टी का नहीं। उन्होंने कहा कि घरेलू राजनीति की चर्चा का स्थान संसद या देश के मंच हैं, न कि अंतरराष्ट्रीय सभाएं। शशि थरूर ग्रुप 5 की अगुवाई कर रहे हैं, जो अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया की यात्रा करेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में LJP, JMM, TDP, BJP और शिवसेना के सांसद भी शामिल हैं, जो भारत के एकजुट रुख को प्रदर्शित करेगा।
ट्रंप के मध्यस्थता के दावे-
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत-पाकिस्तान युद्ध में मध्यस्थता का दावा करते रहे हैं। ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम में मदद की है और यह व्यापार वार्ताओं के जरिए संभव हुआ। उन्होंने कहा, “मैं नहीं कहना चाहता कि मैंने किया, लेकिन मैंने मदद की।” भारत ने ट्रंप के इन दावों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि संघर्षविराम दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच सीधे संवाद का परिणाम था।