झारखंड वालों के लिए गुड न्यूज! ये 6 स्पीड कॉरिडोर भारतमाला प्रोजेक्ट से किए जाएंगे लिंक

रांची: झारखंड की सड़कों को अब एक नई रफ्तार मिलने जा रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना के तहत राज्य की छह प्रमुख स्पीड कॉरिडोर परियोजनाओं को लिंक करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को दिया है। इसका उद्देश्य राज्य में सड़क नेटवर्क को न केवल बेहतर बनाना है, बल्कि लंबी दूरी तय करने में लगने वाले समय और खर्च दोनों में उल्लेखनीय कमी लाना भी है।
ऐसा होने पर झारखंड की पूर्वोत्तर के सातों राज्यों, ओड़िशा, बंगाल और छत्तीसगढ़ से हाई स्पीड फोर लेन कनेक्टिविटी हो जाएगी। पारादीप और साहिबगंज मल्टी मॉडल टर्मिनल के बीच भी व्यापारिक गलियारा तैयार होगा।
झारखंड का यह प्रस्ताव भारत सरकार को व्यवहारिक लगा:राज्य सरकार के पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार और केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव के बीच बैठक में इस प्रस्ताव पर मंत्रणा हो चुकी है। केंद्र सरकार इस प्रस्ताव पर सहमत भी है और आने वाले दिनों में झारखंड के प्रस्तावित स्पीड कॉरिडोर को भारत माला परियोजनाओं से लिंक करने की दिशा में काम शुरू होने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि भारत माला परियोजनाओं का उद्देश्य देश के विभिन्न क्षेत्रों में औद्योगिक, खनन संबंधित आवागमन को तीव्र करते हुए समय और ईंधन की बचत करना है। इन्हीं उद्देश्यों के साथ झारखंड सरकार ने भी छह हाई स्पीड कॉरिडोर का प्रस्ताव तैयार किया है। आवागमन आसान होने से पर्यटन को भी पंख लगना स्वभाविक है।
हाई स्पीड कॉरिडोर और भारतमाला परियोजनाओं को लिंक करने से झारखंड को एक स्पीड कॉरिडोर नेटवर्क मिलेगा, जो राज्य की सड़कों के विकास को राष्ट्रीय नेटवर्क से जोड़ेगा। एनएच 2 पर धनबाद-रायपुर भारत माला परियोजना से फुरसो, डुमरी के मिसिंग लिंक को जोड़ देने के बाद इस क्षेत्र की फोर लेन कनेक्टिविटी छत्तीसगढ़ के रायपुर से हो जाएगी। इसी प्रकार संबलपुर-रांची कॉरिडोर से मिसिंग फोर लेन लिंक देवघर, पिरपौंती, जामताड़ा, दुमका, बरहेट को शामिल कर लेने के बाद पारादीप और साहिबगंज के बंदरगाहों की सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी। झारखंड सरकार ने भारतमाला से लिंक का प्रस्ताव झारखंड में निवेश, पर्यटन, औद्योगिक लॉजिस्टिक्स और राज्य के पिछड़े क्षेत्रों के विकास को नई दिशा देने के उद्देश्य से तैयार किया है। राज्यों के बीच तेज और निर्बाध यातायात से ईंधन की बचत और पर्यावरणीय प्रभाव में कमी जैसे फायदे भी होंगे।