पंजाब में 40 हजार एकड़ जमीन की सुरक्षा के लिए 15 जुलाई को ‘संघर्ष’ शुरू किया जाएगा: सरदार सुखबीर सिंह बादल

चंडीगढ़: शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज किसानों के हितों की रक्षा के लिए 15जुलाई को लुधियाना से विरोध प्रदर्शन शुरू करने की घोषणा की है। उन्होने आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा 1995 के राज्य जमीन अधिग्रहण अधिनियम के तहत जबरदस्ती कोड़ी के भाव पर अधिग्रहित की जाने की योजना है, जिसका मकसद किसानों को लूटकर अपने स्वयं के खजाने को भरना है। यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि 158 गांवों की 40 हजार एकड़ जमीन कथित लैंड पुलिंग योजना के तहत एक्वायर की जा रही है, जो वास्तव में जमीन हड़पने की योजना है। उन्होने कहा,‘‘ आप दिल्ली लीडरशीप पार्टी के लिए 10 हजार करोड़ रूपये एकत्र करना चाहती है। यही कारण है कि उन्होने केंद्रीय जमीन अधिग्रहण अधिनियम,2013 के बजाय पंजाब क्षेत्रीय टाउन प्लानिंग और विकास अधिनियम, 1995 के तहत राज्य भर में 40 हजार एकड़ जमीन एक्वायर करने का फैसला किया है।
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि केंद्रीय जमीन अधिग्रहण, अधिनियम ,2013 में पुनर्वास योजना के अलावा कलेक्टर दर से चार गुना ज्यादा मुआवाज देने की बात कही गई थी, जबकि 1995 के पंजाब अधिनियम ने आप सरकार को जमीन अधिग्रहण से बाहर रखने के साथ-साथ अधिग्रहित जमीन को पटटे पर देने, नीलामी करने यां आवंटित करने की छूट दी थी। उन्होने कहा कि यह सब 10 हजार करोड़ रूपये इकटठा करने के लिए किया जा रहा है। उन्होने कहा कि पूरे अधिग्रहण की योजना दिल्ली के बिल्डरों के साथ मीटिंग करने के बाद बनाई गई, जिन्होने पंजाब के अलग-अलग शहरों में जमीन की अपनी आवश्यकता के बारे आप सरकार को बताया था। ‘‘ सरकार इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार है, चाहे वह 1995 के पंजाब अधिनियम की धारा 56 के तहत जमीन अधिग्रहण से छूट देना हो यां राज्य अधिनियम की धारा 43 के तहत अपने चहेते लोगों को नीलामी, पटटे यां आवंटन की अनुमति देना हो।’’
अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि इस स्थिति के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। उन्होेने कहा,‘‘ मुख्यमंत्री ने किसानों और गरीबों के हितों की रक्षा करने के बजाय राज्य को लूटेरों के हवाले कर दिया है, जिनका अधिग्रहणके कारण परेशान और पीड़ित होंगें।’’ उन्होने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी जमीन विकास प्राधिकरणों की अध्यक्षता छोड़ कर इस शक्ति को मुख्य सचिव को हस्तांतरित करने की अनुमति दे दी है। उन्होने कहा कि निजी जमीन डेवलपर्स को अवैध लाभ पहुंचाने की आप की योजना से यह भी स्पष्ट है कि विकास प्राधिकरणों के सभी 4 सदस्य बाहरी हैं। उन्होने कहा,‘‘ इसका साफ तौर पर मतलब है कि प्राधिकरण दिल्ली से चलाया जाएगा।’’ उन्होने मुख्य सचिव से इस अवैधता में भागीदार नही बनने के लिए कहते हुए कहा कि बाद में उन्हें जवाबदेह ठहराया जा सकता है। उन्होने कैबिनेट से कार्यकाल में शुचिता बरकरार रखने के लिए नई कमेटी को भंग करने का आग्रह किया।
सरदार बादल ने यह भी बताया कि नए अधिग्रहण के कारण छोटे किसानों का बहुत ज्यादा नुकसान होगा। उन्होने कहा कि 50 एकड़ जमीन रखने वालों को 60 फीसदी जमीन वापिस मिलेगी जबकि 9 एकड़ जमीन रखने वालों को सिर्फ 33 फीसदी जमीन वापिस मिलेगी। उन्होने कहा कि एकबार एक्वाय की अधिसूचना जारी होने के बाद किसानों को जमीन बेचने यां कर्जा लेेने यां जमीन के जमीन के उपयोग में बदलाव(सीएलयू) करने की भी अनुमति नही होगी। सरदार बादल ने यह भी बताया कि अकाली सरकार के कार्यकाल के दौरान किसानों के हितों को सर्वोपरि रखा गया । उन्होने कहा,‘‘ जमीन अधिग्रहण को विशिष्ट उददेश्यों के लिए किया जाता था, चाहे वह मोहाली अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे के लिए हो, जिसके लिए किसानों को प्रति एकड़ 2 करोड़ रूपये से अधिक का मुआवजा मिला था यां थर्मल प्लांट यां अन्य सार्वजनिक बुनियादी ढ़ांचे के लिए किया गया था। उन्होने कहा कि अब यह रिश्वत लेेने यां दिल्ली आप गिरोह को समृद्ध करने के लिए किया जा रहा है।’’
अकाली दल अध्यक्ष ने आप सरकार के जाल में नही फंसने और अधिग्रहण को सिरे से खारिज करने का आग्रह करते हुए कहा,‘‘ सरकार का मकसद न तो जमीन का विकास करना है और न ही कोई बुनियादी ढ़ांचा बनाना है। उन्होने उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे मोहाली में 2021 में अधिग्रहित 2500 एकड़ जमीन पर न तो कोई सड़क बनी और न ही बिजली का काम हुआ। इसके बावजूद सरकार मोहाली में 3535 एकड़ और अधिक जमीन एकवायर करना चाहती है।’’
सरदार बादल ने कहा कि अकाली दल किसी भी कीमत पर जमीन अधिग्रहण नही होने देगा। उन्होने कहा,‘‘ हम इस लूट को कतई बर्दाश्त नही करेंगें।’’ उन्होने कहा कि विरोध प्रदर्शन उन सभी शहरों में किया जाएगा, जहां जमीन एक्वायर की जानी है। जिनमें लुधियाना की (24 हजार एकड़), मोहाली (2535 एकड़), अमृतसर (4464एकड़), पठानकोट और जालंधर (1000एकड़ प्रत्येक), पटियाला (1150 एकड़), बठिंडा (848एकड़), संगरूर(568एकड़), मोगा (542एकड़) ,नवांशहर (338 एकड़), फिरोजपुर (313एकड़), बरनाला (317एकड़), होशियारपुर (550एकड़), कपूरथला (150 एकड़), बटाला (160 एकड़), फगवाड़ा (200 एकड़), तरनतारन (97एकड़), सुल्तानपुर लोधी (70एकड़), नकोदर (200 एकड़) और गुरदासपुर (80 एकड़ )शामिल हैं।