देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड ने खेल क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। राज्य सरकार की दूरदर्शी सोच और ठोस प्रयासों ने उत्तराखण्ड को खेल संस्कृति के केंद्र में स्थापित कर दिया है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है वर्ष 2023 में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों का भव्य और सफल आयोजन, जिसने राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाई। खिलाड़ियों को सम्मान देने के साथ-साथ सरकार ने उन्हें संस्थागत समर्थन भी दिया है। सरकारी नौकरियों में खिलाड़ियों को आरक्षण, खेल स्टेडियमों और प्रशिक्षण केंद्रों का निर्माण और आधुनिक सुविधाओं का विस्तार प्रदेश में खेलों को नई दिशा दे रहे हैं।
खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं। 8 से 14 वर्ष के खिलाड़ियों को ₹1,500 और 14 से 18 वर्ष के खिलाड़ियों को ₹2,000 प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जा रही है। इसके साथ ही, प्रत्येक खिलाड़ी को ₹10,000 तक की सहायता राशि खेल उपकरणों के लिए प्रदान की जा रही है। ये सभी पहल राज्य के युवाओं में नई ऊर्जा का संचार कर रही हैं और उन्हें खेलों में भविष्य तलाशने का अवसर दे रही हैं।